Friday, April 19, 2024

कर्नाटक चुनाव की सर्वे संबंधी खबरों में मोदी की जगह नड्डा की तस्वीर क्यों?

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा पेश न करते हुए घोषित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा है। मोदी ने भी पूरे चुनाव में अपने को झोंके रखा। उन्होंने लगातार रैलियां और रोड शो किए। अपने भाषणों में भी उन्होंने अपनी केंद्रीय योजनाओं के नाम पर ही वोट मांगे। भाजपा के उम्मीदवारों ने भी मोदी के चेहरे को आगे रख कर ही अपना प्रचार किया और वोट मांगे। लेकिन इस सबके बावजूद पार्टी को अपनी जीत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार की खुफिया एजेंसियों ने भी इसी आशय की रिपोर्ट दी है। यही वजह है कि तमाम टीवी चैनलों को पार्टी की ओर से निर्देश दे दिया गया है कि वे चुनाव नतीजे आने तक चुनाव संबंधी खबरों ओपिनियन पोल्स और एग्जिट पोल्स दिखाते वक्त भाजपा के साथ प्रधानमंत्री मोदी की फोटो न लगाएं।

मीडिया समूहों को मिले निर्देशों का ही परिणाम है कि पिछले एक सप्ताह के दौरान टीवी चैनलों ने जितने भी सर्वे दिखाए हैं उनमें भाजपा के साथ उसके अध्यक्ष जेपी नड्डा की और कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की फोटो लगाई जा रही है। इससे पहले कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी की फोटो लगाई जाती थी। इससे यह माहौल बनाया जाता था कि कांग्रेस हार रही है तो इसका मतलब है कि राहुल गांधी हार रहे हैं और भाजपा जीत रही है तो इसका मतलब है कि नरेंद्र मोदी जीत रहे है।

इसीलिए सवाल है कि अब राहुल की जगह खड़गे और मोदी की जगह नड्डा की तस्वीर कैसे आ गई? जाहिर है कि तस्वीरों में यह फेरबदल इस बात का संकेत है कि भाजपा को अंदाजा हो गया है कि वह चुनाव नहीं जीत रही है और इसलिए मीडिया समूहों को निर्देश दिया गया है कि वे भाजपा के साथ नरेंद्र मोदी की बजाय जेपी नड्डा की तस्वीर लगाएं।

गौरतलब है कि ज्यादातर सर्वे एजेंसियों ने कांग्रेस की जीत का अनुमान जताते हुए भाजपा को 70 से 80 तक सीटें मिलने की बात कही है। यहां तक कि हमेशा राहुल गांधी के निशाने पर रहने वाले अडाणी उद्योग समूह के टीवी चैनल एनडीटीवी ने जो सर्वे दिखाया है उसमें भी कांग्रेस को बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। इसके अलावा पूरी तरह केंद्र सरकार और भाजपा के ढिंढोरची की भूमिका अदा करने वाले इंडिया टीवी और एबीपी न्यूज ने जो सर्वे दिखाए हैं उनमें भी भाजपा के मुकाबले कांग्रेस की बढ़त बताई गई है। यही वजह है कि सर्वे की खबरों में नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। कांग्रेस की संभावित जीत बताने वाले सर्वे में राहुल की जगह कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की तस्वीर लगाने के पीछे एक मकसद यह भी है कि कांग्रेस की जीत का श्रेय राहुल को नहीं मिले। इसीलिए तमाम टीवी चैनलों के एंकर, रिपोर्टर और भाजपा की तरफ झुकाव रखने रखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों ने यह कहना भी शुरू कर दिया है कि कांग्रेस जीतती है तो वह स्थानीय मुद्दों और स्थानीय नेतृत्व की जीत होगी।

टीवी चैनलों पर दिखाए गए सर्वे के सिलसिले में एक दिलचस्प जानकारी यह भी है कि एक टीवी चैनल ने जिस एजेंसी से सर्वे कराया था उसने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कांग्रेस को 160 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया था। बताया जाता है कि चैनल में वह सर्वे दिखाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी लेकिन ऐन वक्त पर उसे रोक दिया गया और सर्वे एजेंसी से कहा गया कि वह अपनी रिपोर्ट को संशोधित करते हुए त्रिशंकु विधानसभा की संभावनाएं बताए। बताया जाता है कि सर्वे एजेंसी ने ऐसा करने से जब मना कर दिया तो उससे कहा गया कि वह अपनी रिपोर्ट में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीटों के अंतर को थोड़ा कम कर दे। सर्वे एजेंसी को मजबूरन ऐसा करना पड़ा। उसके बाद ही वह सर्वे चैनल पर दिखाया गया।

(अनिल जैन वरिष्ठ पत्रकार है।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।

Related Articles

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।