पाकिस्तान ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों को लेकर भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब

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कल सोमवार को पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय हेट कान्क्लेव (धर्म संसद) में मुसलमानों को निशाना बनाने और हिंसा और हत्या का आह्वान वाले नफ़रत भरे भाषणों पर चिंता व्यक्त की।

पाकिस्तान ने भारतीय पक्ष को बताया कि नागरिक समाज और देश के लोगों के एक वर्ग ने कथित घृणास्पद भाषणों को गंभीर चिंता के साथ देखा है।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय के एक बयान के अनुसार, भारत के लिये यह बहुत ही निंदनीय बात है कि न तो आयोजकों ने कोई खेद व्यक्त किया है और न ही भारत सरकार ने उनकी निंदा की है। उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई भी नहीं की है।

पाकिस्तान ने कहा कि मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा की लगातार घटनाओं ने ‘इस्लाम को लेकर डर की बिगड़ती प्रवृत्ति’ को उजागर किया है और भारत में मुसलमानों के भाग्य के बारे में एक गंभीर तस्वीर पेश की है।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि भारत से इन घृणास्पद भाषणों और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ व्यापक हिंसा की घटनाओं की जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने की उम्मीद है।

बता दें कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच वेद निकेतन धाम में आयोजित धर्म संसद में वक्ताओं ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाले भाषण दिये थे। इस कार्यक्रम का आयोजन ग़ाज़ियाबाद में डासना मंदिर के पुरोहित यति नरसिंहानंद ने किया था। मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषणों और हिंसा को बढ़ावा देने के लिये पुलिस की पहले ही नरसिंहानंद नज़र है।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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