प्रयागराज। ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ़ ट्रेंड यूनियन (ऐक्टू) के राष्ट्रीय आह्वान पर इलाहाबाद मेडिकल वर्कर्स यूनियन व सफ़ाई मजदूर एकता मंच ने सयुंक्त रूप से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। लोकतांत्रिक तरीके से सरकार द्वारा तय कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करते हुए फ्रंटलाइन वर्कर्स डिमांड डे के तहत प्रयागराज उपश्रमायुक्त मंडल कार्यालय पर दोपहर में धरना प्रदर्शन के बाद सहायक श्रमायुक्त लाला राम वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि सरकारी व निजी कोविड सेंटर पर कार्यरत पैरामेडिकल स्टाफ़ (संविदा/ठेका) व नगर निगम में कार्यरत सफ़ाई (संविदा/आउटसोर्सिंग) कर्मचारी कोरोना महामारी के मोर्चे पर योद्धाओं के रूप में काम कर रहे हैं, परन्तु ये लोग शासन प्रशासन द्वारा पूर्णतया अनदेखी और उपेक्षा के शिकार हैं। निजी व सरकारी कोविड सेंटर में काम करने वाले नर्स, वार्डब्याय, हेल्पर, एक्स रे, लैब व ओटी टेक्नीशियन, रिसेप्शनिस्ट, लिफ्ट आपरेटर्स, एम्बुलेंस ड्राइवर, सिक्युरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारी शामिल हैं। ये सभी कोरोना संक्रमित रोगियों के सम्पर्क में लगातार रहने के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित होकर अपनी जान गवा रहे है, वही रोज सुबह सूर्योदय से पहले अपने घरों को छोड़कर हर गांव, गली, मुहल्ले, शहरों-महानगरों की गलियों औऱ सड़कों पर निकल झाड़ू, पोछा लगाने, कचरा उठाने, नालियों, शौचालयों की सफाई करते हुए सफ़ाई कर्मी भी अपनी जान गंवा रहे हैं।

फ़िर भी देश हित, जन हित में रात दिन सच्चे देशभक्त की तरह फ्रंट लाइन कोरोना वैरियर्स भूमिका में देश की, समाज की, मरीजों की सेवा कर रहे है, इसके बावजूद भी सरकार और प्रबंधन के तिरस्कार पूर्ण व्यवहार के शिकार हो रहे है। नौकरी बचे रहने का कोई भी पुख्ता आश्वासन नहीं रहता है इनके पास। ये मेहनतकश लोग कभी भी नौकरी से निकाल दिए जाने के असुरक्षा बोध के साथ बेहद तनाव में काम करने को मजबूर होते हैं। यहां तक कि इन्हें सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी का भुगतान भी नही मिलता है, न ही कोई चिकित्सा भत्ता, जीवन बीमा,पीपीई किट जैसे जीवन रक्षक उपकरण भी नहीं मिलते है। इलाहाबाद मेडिकल वर्कर्स यूनियन सम्बद्ध ऐक्टू के उपाध्यक्ष श्यामचंद पाल और सफ़ाई मजदूर एकता मंच सम्बद्ध ऐक्टू के अध्यक्ष रामसिया ने सयुंक्त रूप से निम्न मांग किया।
सभी के लिए मुफ्त टीके की व्यवस्था की जाए। सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को दस हजार रूपए प्रतिमाह छह माह के लिए कोरोना महामारी भत्ता दिया जाये। दस लाख रूपये स्वास्थ्य बीमा दिया जाये। बिना किसी शर्त के- सभी कोविड सेंटर /अस्पताल में फ्रंटलाइन वर्कर्स और सभी स्थाई और टेका कर्मचारियों सहित नगर निगम सफाई कर्मियों को पचास लाख रूपये का जीवन बीमा लाभ दिया जाये। संक्रमण सुरक्षा हेतु सभी को पीपीई इक्विपमेंट और अन्य जरूरी सामान जैसे मास्क, दस्ताने आदि मुहैया करवाये जायें।