नई दिल्ली। मनोनीत पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले तेलगुदेशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू के बेटे और पार्टी नेता एन लोकेश नायडू ने बड़ा बयान दिया है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड और डिलिमिटेशन जैसे विवादित मुद्दों पर कोई एकतरफा तरीके से फैसला नहीं ले सकेगा। इसके अलावा उनका कहना था कि न ही किसी समुदाय का आरक्षण छीना जा सकेगा।
गौरतलब है कि टीडीपी एनडीए का सबसे बड़ा घटक दल है और उसके पास 16 सांसद हैं। आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को दिए जाने वाले 4 फीसदी आरक्षण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समुदाय को इस पर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि “टीडीपी हमेशा से एक सेकुलर पार्टी रही है और यह सेकुलर बनी रहेगी। हम लोगों द्वारा किसी का भी रिजर्वेशन नहीं छीना जाएगा। किसी को भी इसके बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। बीजेपी का उदाहरण कि वह धर्म आधारित रिजर्वेशन को खत्म कर देगी तब के लिए है जब वह अकेले बल पर सरकार बनाती यह बात किसी गठबंधन सरकार के लिए नहीं है। मैं इस बात का भरोसा दिलाता हूं कि किसी भी समुदाय के आरक्षण को छीना नहीं जाएगा। चंद्रबाबू नायडू हमेशा इस बात पर अडिग रहे हैं कि गरीबी को दूर करने के लिए बगैर किसी धर्म और जाति के बीच भेदभाव किए सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को लाभ दिया जाना चाहिए।”
चुनाव अभियान के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रयास कर रही है और यह उसे मुसलमानों को देगी। राजस्थान में एक सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि 2004 में जैसे ही केंद्र में कांग्रेस की सरकार का गठन हुआ उसने आंध्र प्रदेश में सबसे पहला काम दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को कम करने का किया और उसे मुसलमानों को दे दिया।
यह पायलट प्रोजेक्ट था जिसे कांग्रेस देश में लागू करना चाहती थी। 2004 से 2010 के बीच कांग्रेस ने चार बार आंध्र प्रदेश में मुसलमानों के आरक्षण को लागू करने का प्रयास किया लेकिन कानूनी बाधाओं और सुप्रीम कोर्ट की जागरूकता के चलते वह अपने मंसूबों को पूरा नहीं कर सकी। 2011 में कांग्रेस ने इसे देश के पैमाने पर लागू करने का प्रयास किया।
डिलिमिटेशन के गर्म मुद्दे पर जिसे बीजेपी 2026 में लागू करने की तैयारी कर रही है, लोकेश ने कहा कि टीडीपी इस बात को सुनिश्चित करेगी कि फैसला एकतरफा तरीके से न लिया जाए। और केवल आंध्र प्रदेश ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के हितों को भी ख्याल में रखा जाए। डिलिमिटेशन और यूसीसी जैसे मुद्दों पर पूरी गहराई से विचार कर उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाएगा। हम सहयोगियों के साथ टेबल पर बैठेंगे और सभी मुद्दों पर आम सहमति हासिल करने की कोशिश करेंगे। बहुत कुछ है जिस पर बातचीत किया जाना है।
नतीजा आने से पहले इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि अगर तीसरी बार बीजेपी सरकार आती है तो वह डिलिमिटेशन पर क्या करेगी, जवाब में अमित शाह ने कहा था कि हम पहले ही कह चुके हैं कि डिलिमिटेशन में दक्षिण के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। हमें रास्ते तलाशने होंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि डिलिमिटेशन को टाला नहीं जाएगा।
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर पूछे जाने पर लोकेश ने कहा कि हालांकि टीडीपी एनडीए में बगैर किसी शर्त के शामिल हुई है। लेकिन वो राज्य और उसके लोगों के हितों को ध्यान में रखेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने डीजीपी से इस बात की रिपोर्ट मांगा है कि क्या जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में पिता-पुत्र के फोन को टैप करने के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया गया था। लोकेश ने बताया कि वह और उनके पिता को दो बार निशाना बनाया गया और इससे संबंधित उनके मोबाइल फोन पर अलर्ट भी आया था। मैं दो बार निशाना बनाया गया था। एक बार मार्च, 2023 में युवा गलम यात्रा के दौरान और दूसरी बार इसी अप्रैल में चुनाव प्रचार के दौरान। हम दोनों को एपल की तरफ से अलर्ट आया था। हमें इस बात की आशंका है कि हमारे फोन को टैप करने के लिए जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा पेगासस का इस्तेमाल किया गया था।
लोकेश के मुताबिक पिछली सरकार ने पेगासस को आधिकारिक तौर पर नहीं खरीदा था बल्कि उसका किसी दूसरे राज्य से संचालन किया जा रहा था। हम जानना चाहते हैं कि इसको कहां से हासिल किया गया और यह कहां से संचालित किया गया। और कौन लोग हैं जिनको इसके जरिये निशाना बनाया गया। लोकेश ने बताया कि जब यह बात साफ हो गयी कि सरकार नहीं बनने जा रही है तब जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने कुछ सबूतों को गायब कर दिया। कई दफ्तरों में आग लगने की घटनाएं हुईं।
+ There are no comments
Add yours