जेल प्रशासन द्वारा मांगें माने जाने पर पत्रकार रूपेश ने भूख हड़ताल वापस ली

पत्रकार रूपेश कुमार सिंह ने सरायकेला जेल में अपनी तीन मांगों को लेकर आज यानी 15 अगस्त से भूख हड़ताल की घोषणा की थी। कारण था जहां उनको रखा गया है वह जगह काफी जर्जर अवस्था में है, लिहाजा उन्होंने उसे बदलने मांग की थी।

रूपेश सिंह ने जेल प्रशासन से जो तीन मांगें रखी थी उसमें ..

    1. उनको एक सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। बाकी बंदियों से मिलने जुलने भी दिया जाए।

   2. उनको पढ़ने लिखने का सामान उपलब्ध कराया जाए।

   3. उन्हें जेल मैनुअल के हिसाब से खाना और ठीक तरह पका खाना दिया जाए। क्योंकि रोटियां बिल्कुल अधपकी रहती हैं।

इस मामले को लेकर जेल प्रशासन को सीजेएम मंजू कुमारी द्वारा फटकार लगाई गयी थी, जगह चेंज करने का उन्हें सख्त निर्देश दिया गया था। 13 अगस्त को मुलाकात के दौरान रूपेश ने बताया था कि, सीजेएम मंजू कुमारी ने उन्हें तुरंत जगह बदलने का निर्देश देते हुए यहां तक कहा कि ” या तो रूपेश जी को सामान्य कैदियों सा रखा जाए या इतने खतरनाक हैं तो सेंट्रल जेल भेज दिया जाए,” इस आदेश के बाद तो लगा था बदलाव ज़रूर होगा क्योंकि कोर्ट के आदेश को न मानना कोर्ट की अवमानना है। कम से कम ये लोग कोर्ट की तो इज्जत करेंगे, मगर फिर भी रूपेश को दूसरी सुरक्षित जगह शिफ्ट नहीं किया गया। उसके बाद रूपेश ने घोषणा की कि वे 15 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

इस बाबत उनकी जीवन साथी ईप्सा शताक्षी ने बताया कि आज 15 अगस्त को रूपेश से बात हुई तो उन्होंने बताया कि जेल सुपरिटेंडेंट ने आकर उनसे बात की और उनकी तीनों मांगों को मानते हुए संबंधित सुधार का वादा किया और जेल के बड़े जमादार को निर्देश दिया।

1- जगह बदलने के मामले में सुपरिटेंडेंट का कहना था कि उस जगह को ठीक कर वहां और भी कैदियों को शिफ्ट कर देंगे ताकि आप और भी लोगों से बातचीत कर सकें।

2- कॉपी, कलम उनकी पत्नी ने 13 अगस्त को पहुंचाया था लेकिन वह रूपेश को दिया नहीं गया था, पर अब उसे देने की बात कही गई है।

3 – खाने लायक खाना और जेल मैनुअल के हिसाब से खाने की मांग को मानते हुए बड़ा जमादार को ध्यान रखने को कहा गया है।

जेल प्रशासन द्वारा इन सारे वादों के साथ रूपेश का भूख हड़ताल समाप्त करवाया गया। ईप्सा का कहना है कि हम उम्मीद करते हैं जेल प्रशासन इन वादों को पूरा करेगा।

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