ग्वालियर के फूलबाग मैदान में चल रहे किसान आंदोलन पर आज भगवा गुंडों ने हमला किया है। इतना ही नहीं गुंडों ने आंदोलन में शामिल महिलाओं और लड़कियों के साथ भी बदसलूकी की। फूलबाग धरने पर बैठे किसान अखिलेश यादव बताते हैं कि शाम करीब पांच साढ़े पांच बजे पचास लोगों का झुंड आया और नारे लगाने लगा देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को। ये नारा भाजपाई गुंडों का ट्रेडमार्क नारा है जिसे हमने पिछले साल सीएए एनआरसी विरोधी आंदोलनों के समानांतर भाजपा के मंत्रियों और विधायकों की अगुवाई में हुए उपद्रव जुलूसों में सुना था।
अखिलेश यादव ने बताया कि “उन लोगों ने बैनर झंडे ले रखे थे वो कह रहे थे हमारे देश में हम कृषि क़ानून के विरोध में आंदोलन नहीं होने देंगे। पुलिस खड़ी होकर तमाशा देखती रही और वो लोग लड़कियों से बदतमीजी करते रहे, लोगों को मारते रहे, टेंट उखाड़ते रहे। इतना ही नहीं उन लोगों ने बाबा साहेब के पोस्टर भी फाड़ डाले। लेकिन पुलिस खामोशी से सब कुछ देखती रही।
अखिलेश यादव बताते हैं कि हम लोगों ने हमले का वीडियो बनाया है उन लोगों की पहचान हो गई है वो लोग भाजपा और आरएसएस के लोग थे। वो लोग पहले भी आये थ हमने उनके बारे में पुलिस को सूचित किया था पर पुलिस ने कुछ नहीं किया।
अखिलेश यादव का कहना था कि उन लोगों के खिलाफ हमारे साथी नजदीकी थाने में एफआईआर दर्ज़ कराने गये हैं। अगर पुलिस एफआईआर नहीं करती है तो हम सड़कों पर उतरेंगे।
बता दें कि इससे पहले 29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर भाजपा के लोकल नेता और कार्यकर्ताओं ने स्थानीय निवासी बनकर हमला किया था। 28 जनवरी को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर साहिबाबाद भाजपा विधायक सुनील शर्मा और लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर की अगुवाई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसानों पर हमला किया था। इतना ही नहीं टिकरी बॉर्डर पर भी भाजपाई गुंडे हमला करने पहुंचे थे। इससे पहले भाजपा-आरएसएस एजेंट दीप सिद्धू व गैंगस्टर लक्खा सिधाना की अगुआई में भाजपा के लोगों ने लाल किले पर तोड़ फोड़, लूट-पाट और हिंसा जनी किया था।
हमलावरों की संख्या सौ के करीब थी। हाथ में तिरंगा, भारत माता की जय, और जूते मारों सालों को के नारे लगाए। वे अपने हाथ में क्रांतिकारी हिंदू दल का बैनर लिए हुए थे उन्होंने धरना दे रहे लोगों पर अचानक हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शी किसानों के मुताबिक़ आरएसएस भाजपा के उपद्रवियों ने सरदार भगत सिंह की तस्वीर फाड़ दी, बाबा साहब का बैनर फाड़ दिया। धरने के टेंट को आग लगाने की कोशिश की। ये लोग खुद को किसान बिलों का समर्थक बता रहे थे और किसान बिल समर्थन में नारे लगा रहे थे।
धरने पर बैठे लोगों ने भी जवाब दिया
अपने ऊपर अचानक हुए हमले का धरने पर बैठे लोगों ने भी जवाब दिया। तो कुछ भाग खड़े हुए। पुलिस की मौजदूगी में उन लोगों ने आधे घंटे से ज्यादा समय तक बीच चौराहे पर उत्पात मचाया। किसानों का आरोप है कि सरकार के इशारे पर भाजपा और आरएसएस के लोगों ने यहाँ उपद्रव किया है, लोगों को जातिगत गालियाँ दी हैं, महिलाओं से अभद्रता की है। इन पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए और इन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उधर मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी सतेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि उपद्रवियों की पहचान की जायेगी और पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी।
ग्वालियर के किसान आंदोलन पर भाजपा कार्यकर्ताओं के हमले के विरोध में 03 फरवरी को फूलबाग मैदान में किसान पंचायत आयोजित की गई है। बता दें कि नये साल के पहले दिन यानि 1 जनवरी 2021 से मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के फूलबाग मैदान में किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरु किया था।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में अखिल भारतीय संयुक्त किसान समन्वय समिति ने 1 जनवरी शुक्रवार से ग्वालियर के फूलबाग मैदान में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। संयुक्त किसान संघर्ष समन्वय समिति में ग्वालियर के अलावा डबरा के किसान भी बड़ी संख्या में शामिल हैं।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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