विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में बीजेपी के कई नेता जेएमएम में शामिल

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नई दिल्ली। झारखंड में बीजेपी के भीतर आंतरिक लड़ाई बहुत तीखी हो गयी है। टिकटों के बंटवारे को लेकर ढेर सारे नेता नाराज हैं। इनमें से कुछ नेताओं ने पार्टी को छोड़कर जेएमएम का दामन थाम लिया है। जिसमें कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं।

बीजेपी के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि इसकी पहले से ही अपेक्षा की जा रही थी, जिस तरह से टिकटों के बंटवारे में दशकों से काम कर रहे नेताओं को दरकिनार किया गया उससे पार्टी के भीतर बहुत नाराजगी है।

बीजेपी के सिंहभूम जिले के एक वरिष्ठ नेता ने टेलीग्राफ को बताया कि इसकी अपेक्षा की जा रही थी। जो पार्टी नेता जेएमएम और कांग्रेस के नेताओं पर अपनी पत्नी, बहू और ऐसे नेताओं के बेटों जिनका पार्टी में थोड़ा भी योगदान नहीं है, को मौजूदा विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण सीटों पर टिकट देने के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।

इसने ऐसे पार्टी नेताओं की भावनाओं को बिल्कुल कुचल दिया है, जो बहुत महीनों से जेएमएम और कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक में पैराशूट के जरिये प्रत्याशी उतारे जाने के मामले में चुप थे।

शनिवार को बीजेपी द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशियों में पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता चंपई सोरेन के बेटे को घाटशिला (एसटी सुरक्षित), पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को पोटका (एसटी सुरक्षित), पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिसा के मौजूदा गवर्नर रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास को जमशेदपुर पूर्व, चंपई के वफादार सोनाराम बोदरा को खरसांवा (एसटी सुरक्षित) और चंपई को सरायकेला ईस्ट से लड़ रहे हैं।

पूर्व दुमका विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री लुईस मरांडी को संथाल परगना में स्थित अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित दुमका सीट पर टिकट नहीं दिया गया है। वहां से उनकी जगह दुमका के पूर्व सांसद सुनील सोरेन को उतारा गया है। जेएमएम के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह अभी शुरुआत है, आने वाले दिनों में ढेर सारे बीजेपी नेता पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।

सोमवार की रात को हेमंत सोरेन के आवास पर जेएमएम में शामिल होने वाले बीजेपी नेताओं में पूर्व कैबिनेट मंत्री लुईस मरांडी जिन्होंने 2014 में दुमका विधानसभा सीट पर हेमंत सोरेन को हराया था, घाटशिला के पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू, बहारगोरा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी, बीजेपी सरायकेला के नेता गणेश महाली जो 2014 और 2019 के चुनावों में चंपई सोरेन से कुछ ही वोटों से हार गए थे और बासको बेसरा जिनका गम्हरिया औद्योगिक बेल्ट में अच्छा खासा आधार है, आदि नेता शामिल हैं। दूसरे नेता जो जेएमएम में शामिल हुए हैं उनमें पूर्वी सिंहभूम के मुखिया और जिला परिषद चेयरपर्सन बारी मुर्मू हैं। 

 

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