पूर्व राजपरिवारों के एक दर्जन से ज्यादा लोग ओडिशा के चुनाव मैदान में

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नई दिल्ली। ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव मानो पूर्व सामंतों और राजे-रजवाड़ों के लिए स्वर्ग हो गया है। अमेरिका से पढ़ कर आए नवीन पटनायक और देश पर राज कर रही बीजेपी को इन परिवारों को खुला समर्थन मिल रहा है। जिसका नतीजा यह है कि इन घरानों से दर्जनों प्रत्याशी इस बार के चुनाव मैदान में हैं। इन चेहरों को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे भारत में राज कर चुके 14वीं-15वीं शताब्दी के शासकों के वंशजों ने इस बार लोकतंत्र की स्टेयरिंग संभाल ली हो। 

टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजघरानों के तकरीबन 12 कद्दावर प्रत्याशी इस बार चुनाव अखाड़े में हैं। उनके लिए चुनाव में भाग लेने का मतलब अपनी विरासत को आगे बढ़ाना है।

पाटनगढ़ की छोटी रियासत से जुड़े केवी सिंह देव स्थानीय विधानसभा चुनाव में बालांगीर जिले से प्रत्याशी हैं। टेलीग्राफ से बातचीत में उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करते हुए मुझे कभी भी राजघराना का सदस्य नहीं माना गया। यह मेरे लिए एक सम्मान है। उनकी पत्नी संगीता कुमारी सिंह देव बालांगीर की मौजूदा समय में सांसद हैं। वह इस बार फिर बीजेपी की तरफ से लोकसभा की प्रत्याशी हैं। संगीता ने कहा कि लोगों ने मुझ पर प्यार बरसाने के साथ ही मुझमें भरोसा जताया है।

बालांगीर राजघराने से एक और शख्स बीजेडी के टिकट से बालांगीर सदर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में है। उसका नाम है कलिकेश नारायण सिंह देव।

देश में सबसे गरीब और पिछड़े क्षेत्र के तौर पर जाने जाने वाले कालाहाड़ी से भी बीजेपी ने एक राजघराने के ही शख्स को टिकट दिया है। यहां से उसने पूर्व सांसद अर्क केशरी की पत्नी मालविका देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके पहले अर्क केशरी बीजेडी में थे लेकिन 2023 में उन्होंने बीजेडी छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए।

बामांडा की रानी और बीजेपी के संबलपुर के सांसद नीतेश गंगा देब की पत्नी अरुंधति देवी को बीजेपी ने देवगढ़ विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा लोगों से जुड़ा महसूस करती हूं।

नयागढ़ के पूर्व राजपरिवार से जुड़ी प्रत्युशा राजेश्वरी सिंह जो बीजेडी की पूर्व सांसद भी रह चुकी हैं इस बार नयागढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं।

इसी तरह से धाराकोट राजपरिवार से जुड़ीं सुलख्याना गीतांजलि देवी बीजेडी के टिकट से सानाखेमुंदी से चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हम दूसरों की ही तरह सामान्य लोग हैं।

गंजाम जिले के टिकिटी इस्टेट के सदस्य और मंत्री ऊषा देवी के बेटे चिन्मयानंद श्रीरुप देब बीजेडी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं ऐसा उन्होंने ऊषा देवी के चुनाव लड़ने से इंकार करने पर किया।

दूसरे राजपरिवारों के जो सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं उनमें बीजेडी के टिकट से पूर्व मंत्री पुष्पेंद्र सिंह देब कालाहाड़ी में धर्मगढ़ सीट से, औल राजघराने से जुड़े मंत्री प्रताप देब केंद्रपाड़ा से और अंगुल राज परिवार से जुड़े राजा निकांत सिंह की पत्नी संजुक्ता सिंह अंगुल सीट से चुनाव लड़ रही हैं।

जबकि कांग्रेस ने धेनकलान राजपरिवार की सदस्य सुष्मिता सिंह देव को स्थानीय विधानसभा सीट के लिए खड़ा किया है। सुष्मिता पूर्व केंद्रीय मंत्री केपी सिंह देव की रिश्तेदार भी हैं। उन्होंने कहा कि लोग परिवर्तन चाहते हैं। मैं कांग्रेस में आम लोगों की आवाज उठाने के लिए हूं। 

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