Saturday, April 20, 2024

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सामंती ताकतों की साजिश का शिकार हुए हैं मनोज मंजिल

पटना/आरा। पूरे भारत में चुनाव से पहले तमाम पुराने केस, सीबीआई एवं ईडी आदि तमाम रास्तों के जरिए विपक्षी नेताओं को लगातार जेल का रास्ता दिखाया जा रहा है। इसी सिलसिले में बिहार में 9 साल पुराने आरा के...

बचपन में ही हो गया था छुआछूत से मोहभंग

मेरा बचपन पूर्व-आधुनिक, ग्रामीण, वर्णाश्रमी, सामंती परिवेश में बीता, हल्की-फुल्की दरारों के बावजूद वर्णाश्रम प्रणाली व्यवहार में थी। सभी पारंपरिक, खासकर ग्रामीण, समाजों में पारस्परिक सहयोग की सामूहिकता की संस्थाएं होती थीं। हमारे गांव में भी पारस्परिक सहयोग और...

लोकतान्त्रिक लिबास में ‘राजा’

पूरे पचहत्तर साल बाद भी हमारा लोकतंत्र अपने शैशवकाल में ही है। अक्सर पालने में पड़ा-पड़ा ‘अहंकार विसर्जन’ करता, अपने डायपर गीले करता रहता है; सोशल मीडिया और थोड़ा बहुत सामान्य मीडिया तन्त्र चीख-चीख कर जब इसे उजागर करता...

भारतीय न्यायपालिका की सामंती संस्कृति के क्या मायने हैं मी लार्ड!

भारत की वर्तमान न्यायिक प्रणाली की उत्पत्ति का स्रोत एक प्रकार से न्यायपालिका की औपनिवेशिक प्रणाली में देखा जा सकता है जो कमोबेश स्वामी-सेवक के दृष्टिकोण से स्थापित की गई थी, न कि जनता के दृष्टिकोण से। इसके अलावा...

जन्मदिन पर विशेष: लालू यादव को समझने के लिए नज़र नहीं, नज़रिये की ज़रूरत

लालू प्रसाद यादव 10 मार्च 1990 को जब गांधी मैदान के जेपी की प्रतिमा के नीचे से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने तत्कालीन आवास पटना के वेटनरी कॉलेज के सर्वेंट क्वार्टर में लौट कर आए तो घर के...

जनता के सम्मान को कभी गिरने नहीं दूंगा: माले विधायक अमरजीत कुशवाहा

राजनीति के अपराधीकरण व सामंती उत्पीड़न के खिलाफ बुलंद होती आवाज़ की जब-जब बात होती रही, तब-तब बिहार के लोगों में अनायास देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद के पैतृक जिले सीवान व मातृभूमि जीरादेई का नाम आता...

गुलाम रब्बानी की जयंती: रब्बानी ने थामा था घर से बगावत करके लाल झंडा

मौलाना हामिद हसन कादरी और मैकश अकराबादी की अदबी सोहबतों में उनका शे’री शौक परवान चढ़ा। तालीम पूरी होने के बाद, उन्होंने कुछ दिन वकालत की। शायराना मिज़ाज की वजह से उन्हें यह पेशा ज्यादा समय तक रास...

हाथरस कांडः परिजनों का आरोप- ‘ऑनर किलिंग’ की लाइन पर जांच कर रही है सीबीआई!

अगर तुम औरत हो,तो बलात्कार की बात जुबान से निकालने भर सेअवहेलना हो जाती है मनुस्मृति कीइसके लिए काटी जा सकती है तुम्हारी जीभ,तोड़ी जा सकती है गर्दनहो सकता है हमलातुम्हारे ही चरित्र पर।इस समाज में इससे बड़ी विडंबना...

जनता के गुस्से और इरादे को देख कर घबरा गयी है बीजेपी: दीपंकर भट्टाचार्य

सत्ता की भूखी भाजपा जिसने 2015 के भाजपा विरोधी स्पष्ट जनादेश का अपहरण करके 2017 में नीतीश कुमार के साथ साजिश कर बिहार की कुर्सी हथिया लिया था, इस बार भी उसकी मंशा कोरोना और लॉकडाउन के ज़रिए बिहार...

गांव नहीं, ये ब्राह्मणवादी वर्चस्व के सामंती किले हैं!

हाथरस में पीड़िता के गांव में कल दो तस्वीरें देखने को मिलीं। एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी को पुलिस घेर कर मार रही थी।कार्यकर्ता अगर बचाते नहीं तो शायद उनकी हड्डी-पसली एक हो...

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AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।