नई दिल्ली। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर की स्थिति को लेकर और राज्य में शांति स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री को वहां का दौरा करना चाहिए। लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को इस बात से कोई फर्क पड़ता है या उनके लिए ऐसा करना महत्वपूर्ण है।
17 अगस्त को महाराष्ट्र के बीड जिले में अपनी सार्वजनिक रैली से पहले शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा, “मोदी सरकार मणिपुर राज्य में चल रही घटनाओं पर मूकदर्शक बनी हुई है।”
शरद पवार आगे कहते हैं कि “पूर्वोत्तर क्षेत्र महत्वपूर्ण और संवेदनशील है क्योंकि ये राज्य चीन की सीमा से लगे हुए हैं और ऐसे में इन इलाकों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
एनसीपी प्रमुख ने दावा किया कि “पूर्वोत्तर में जो चीजें हो रही हैं, दरअसल ये हो नहीं रहे हैं..ये कराई जा रही हैं, जो पूरे देश के लिए बेहद खतरनाक है।” “मणिपुर एक उदाहरण है… और आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों में भी ये चीजें देखने को मिल सकती हैं।”
शरद पवार आगे कहते हैं कि, “मानसून सत्र से ठीक पहले मणिपुर की वीडियो वायरल हो गई और जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के बाहर मणिपुर के वीडियो के बारे में बात की और करीब 3 मिनट के वीडियो में उन्होंने अपनी बातों को रखा, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के अपने लंबे भाषण में उन्होंने मणिपुर का महज कुछ सेकंड के लिए उल्लेख किया।”
पवार ने कहा कि “मोदी को पूर्वोत्तर जाना चाहिए और लोगों को विश्वास दिलाना चाहिए, लेकिन उन्होंने इसे महत्वपूर्ण नहीं समझा। इसके बजाय, उन्होंने मध्य प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित करना पसंद किया और विदेशी दौरों को प्राथमिकता दी।”
15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किला से देश को संदेश देते हैं कि मणिपुर में शांति स्थापित होगा, पूरा देश मणिपुर के साथ है लेकिन वो खुद वहां जाकर एक बार भी जायजा लेने के बारे में सोच भी नहीं रहे हैं। देश का मुखिया होने के तौर पर अपनी बातों से नहीं, जमीन पर रहकर और लोगों के बीच जाकर उन्हें आश्वासन देना चाहिए। लेकिन ऐसा अभी तक कुछ नहीं दिखा है।
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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