शेख हसीना ने मौजूदा घटनाक्रम के लिए अमेरिका को ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपदस्थ होने के बाद पहली बार मुंह खोला है। उन्होंने बांग्लादेश में हुए पूरे घटनाक्रम के पीछे अमेरिका के हाथ होने की तरफ इशारा किया है।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हसीना ने कहा कि हमने और ज्यादा हिंसा न हो इसके लिए इस्तीफा दिया। वो छात्रों की लाश पर सत्ता पर काबिज होना चाहते थे। लेकिन इस्तीफा देकर मैंने उसे रोक दिया। हालांकि जनचौक स्वतंत्र तौर पर इस खबर की पुष्टि नहीं करता है। 

बांग्लादेश में अभी भी तमाम चीजों के लिए अनिश्चितता बनी हुई हैं। हालांकि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बन गयी है। और उसने काम भी करना शुरू कर दिया है। लेकिन बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। हसीना को देश में हुए छात्रों के आंदोलन के बाद अपने पद से इस्तीफा देकर बाहर भागना पड़ा था। छात्र बांग्लादेश में नौकरियों में विवादित कोटा खत्म करने की मांग कर रहे थे।

नई बनी अंतरिम सरकार से लोग जल्द चुनाव कराने की अपेक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही देश में कानून और व्यवस्था कैसे ठीक हो यह इस सरकार की पहली जिम्मेदारी बन जाती है।

हसीना ने कहा कि अगर वह देश में रुकी रही होतीं तो और ज्यादा मौतें और विध्वंस होता। उन्होंने कहा कि मैं आपकी नेता इसलिए बनी क्योंकि आपने मुझे चुना था। आप हमारी ताकत थे।

देश में हसीना के इस्तीफे के बाद हुई हिंसक घटनाओं में तकरीबन 230 लोगों की मौत हो गयी। इस तरह से इस दौरान अभी तक कुल 560 जानें जा चुकी हैं। हालांकि गैर आधिकारिक आंकड़े इससे कहीं ज्यादा की संख्या गिनाते हैं।

इकोनामिक टाइम्स के मुताबिक प्रदर्शनकारी छात्रों को इंगित करते हुए हसीना ने साफ किया कि उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्रों को कभी भी रजाकर नहीं कहा। आपको भड़काने के लिए मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया। उस दिन का वीडियो देखिए और यह समझने की कोशिश कीजिए कि कैसे षड्यंत्रकारियों ने देश को अस्थिर करने के लिए आपकी भावनाओं को शोषित करने की कोशिश की।

आपको बता दें कि रजाकर शब्द अकसर उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन्होंने 1971 के मुक्तिकामी युद्ध में पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था।

शेख हसीना ने अमेरिका का हाथ होने की तरफ इशारा किया

शेख हसीना ने दावा किया कि मैं अभी भी सत्ता में रह सकती थीं अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को समर्पित कर दिया होता और इस तरह से अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर राज करने की छूट दे दिया होता।

उन्होंने कहा कि मैं अपने देशवासियों को आगाह करती हूं कि वो रेडिकल तत्वों के बहकावे में न आएं।

मई में हसीना ने बांग्लादेश और म्यानमार को काट कर ईस्ट तिमोर की तरह एक ईसाई राज्य बनाने का आरोप लगाया था। बगैर देश का नाम लिए हसीना ने दावा किया कि मुझे आराम से फिर से चुने जाने का प्रस्ताव दिया गया था अगर हमने बांग्लादेश में एक विदेशी हवाई अड्डा स्थापित किए जाने की इजाजत दे दी होती।

हालांकि हसीना के बेटे संजीब वाजेद ने इस तरह के किसी बयान से इंकार किया है। उन्होंने एक्स पर कहा है कि उनकी अपनी मां से बात हुई है।और उन्होंने न तो ढाका छोड़ने से पहले और न ही ढाका छोड़ने के बाद कोई बयान दिया है।

मेरा दिल रोता है जब मैं यह खबर सुनती हूं कि ढेर सारे नेता मार दिए गए, कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है और उनके घरों को ध्वस्त करने के साथ ही उनको लूट-पाट का निशाना बनाया जा रहा है। अल्लाह की मर्जी हुई तो मैं बहुत जल्द ही लौटूंगी। अवामी लीग बार-बार उठ खड़ी हुई है। मैं हमेशा बांग्लादेश के लिए प्रार्थना करती रहूंगी। राष्ट्र जिसके लिए मेरे पिता लड़े। देश जिसके लिए मेरे पिता और परिवार ने अपना बलिदान दे दिया।

आरक्षण आंदोलन से पहले हसीना ने अप्रैल में संसद को बताया था कि अमेरिका देश में सत्ता परिवर्तन के लिए रणनीति बना रहा है। वो देश से लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। और एक ऐसी सरकार स्थापित करना चाहते हैं जिसका कोई लोकतांत्रिक आधार न हो।

हसीना से नजदीकी रिश्ता रखने वाले अवामी लीग के नेता ढाका में सत्ता परिवर्तन के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। और इसके लिए एक सीनियर अमेरिकी राजनयिक पर आरोप लगा रहे हैं जिसने मई में ढाका की यात्रा की थी। इसके आगे उन्होंने कहा कि राजनयिक हसीना पर चीन के खिलाफ पहल करने के लिए दबाव डाल रहा था।

अमेरिकी राजदूत पीटर हास जिसका जुलाई में कार्यकाल खत्म हुआ, वह बीएनपी के पक्ष में था। अवामी लीग के एक नेता को कोट करते हुए यह बात कही गयी थी। अमेरिकी सरकार लगातार हसीना सरकार की मानवाधिकार और चुनाव के मसले पर आलोचना कर रही थी।

15 दिसंबर, 2023 को रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया झाखारोवा ने एकाएक एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अगर अगले चुनाव में शेख हसीना सत्ता में आती हैं। तो अमेरिका उनकी सरकार को अपदस्थ करने के लिए पूरी ताकत झोंक देगा। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अमेरिका अरब स्प्रिंग जैसी एक अराजक स्थिति पैदा कर देगा जिससे ढाका में सत्ता परिवर्तन अनिवार्य हो जाए।   

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