नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने चुनाव वाले राज्यों में बीजेपी को हराने के लिए अपील जारी करने का फैसला किया है। इसके साथ ही उसके नेता इन राज्यों में जाकर सभाएं करेंगे। इसी कड़ी में मोर्चे ने कुछ और कार्यक्रम घोषित किए हैं जिसके तहत 6 मार्च को सभी बॉर्डरों पर नाकेबंदी करने का फैसला लिया गया है। और 15 मार्च को मजदूरों के साथ एकजुटता स्थापित करते हुए उनके ‘निजीकरण विरोधी दिवस’ को समर्थन देने का फैसला किया गया है। 8 मार्च को महिला दिवस को मोर्चा देश के स्तर पर पूरे धूम-धाम से मनाएगा। इस मौके पर सभाओं का संचालन महिलाएं ही करेंगी साथ ही हर स्तर पर उस दिन महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गारंटी की जाएगी। ये सारे फैसले संयुक्त किसान मोर्चा की आज सिंघु बॉर्डर पर आयोजित आम बैठक में लिए गए।
मोर्चे का कहना है कि 6 मार्च 2021 को, दिल्ली बोर्डर्स पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के 100 दिन हो जाएंगे। उस दिन दिल्ली व दिल्ली बोर्डर्स के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी होगी। यह सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच जाम किया जाएगा। यहां टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त किया जाएगा। शेष भारत में, आंदोलन को समर्थन के लिए, और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए, घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों को उस दिन काली पट्टी बांधने का भी आह्वान किया है।
मोर्चे की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति में डॉ. दर्शन पाल ने बताया कि 8 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मनाएगा। देश भर के सभी सयुंक्त किसान मोर्चे के धरना स्थल पर 8 मार्च को महिलाओं द्वारा संचालित होंगे। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वक्ता होंगी। एसकेएम ने उस दिन महिला संगठनों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह के कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को उजागर करें।
मोर्चे ने मजदूरों के साथ किसानों की एकता को स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 15 मार्च, 2021 को ‘निजीकरण विरोधी दिवस’ का समर्थन करते हुए सयुंक्त किसान मोर्चा की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। एसकेएम इस दिन को ‘कॉरपोरेट विरोधी’ दिवस के रूप में देखते हुए ट्रेड यूनियनों के इस आह्वान का समर्थन करेगा, और एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
मोर्चे का कहना है कि जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों में SKM भारतीय जनता पार्टी (BJP) की किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों को दंडित करने के लिए जनता को एक अपील करेगा। एसकेएम के प्रतिनिधि भी इस उद्देश्य के लिए इन राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
SKM पूरे भारत में एक “MSP दिलाओ अभियान” शुरू करेगा। अभियान के तहत, विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की कीमत की वास्तविकता को दिखाया जाएगा, जो मोदी सरकार व एमएसपी के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा। यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू किया जाएगा। पूरे देश में किसानों भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
+ There are no comments
Add yours