नई दिल्ली। पीएम मोदी के लाल किले से भाषण में कॉमन सिविल कोड का मामला उठा देने से सत्तारूढ़ एनडीए के बीच खलबली मच गयी है। टीडीपी ने अपने तरीके से इसको खारिज कर दिया है। जबकि जेडीयू ने कहा है कि अभी इस पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आया है। दबाव इस कदर था कि बीजेपी को तत्काल एनडीए की बैठक बुलानी पड़ी जो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हुई भी। बैठक में हर महीने एनडीए की बैठक करने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि किसी विवादित मुद्दे पर सहमति के साथ ही आगे बढ़ा जाए।
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक एनडीए ने शुक्रवार को हुई अपनी बैठक में यह तय किया है कि अब कम से कम महीने के हिसाब से एनडीए की नियमित बैठक होगी और मुद्दों को उसी मंच पर हल किया जाएगा।
लाल किले से अपने भाषण में सेकुलर सिविल कोड की बात कर पीएम मोदी ने उस दिशा में बढ़ने का संकेत दिया है। हालांकि टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू ने मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से बिल्कुल साफ-साफ कहा है कि उनकी पार्टी किसी भी ऐसी चीज का समर्थन नहीं करेगी जिसमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कम करने की कोशिश हो। हालांकि जेडीयू ने इस पर कोई साफ-साफ स्टैंड नहीं लिया है। लेकिन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा था कि गठबंधन के सदस्यों के सामने अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आया है।
वक्फ बिल पर मतभेद
घोषणा के बाद एनडीए की बैठक बुलाने वाले बीजेपी नेताओं के दिमाग में यह बात भी थी कि जब वक्फ विधेयक को कैबिनेट में प्रस्तावित किया गया था तो गठबंधन के किसी सदस्य ने उस पर कड़ा एतराज नहीं जाहिर किया था। हालांकि लोकसभा में विधेयक पर बहस के दौरान टीडीपी के हर्ष बालयोगी ने इसे आगे विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज देने की मांग कर डाली। लोकजनशक्ति पार्टी और जनसेना पार्टी भी इसे जेपीसी के पास भेजे जाने के पक्ष में थे।
शुक्रवार की बैठक में बीजेपी की तरफ से नड्डा के अलावा केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, भूपेंद्र यादव, एल मुरुगन और बीजेपी महासचिव अरुण सिंह शामिल थे। एनडीए के दूसरे सदस्यों में हिंदुस्तान अवामी मोर्चा चीफ और केंद्रीय मंत्री जीतन राम माझी, अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल, जेडीयू से संजय झा, टीडीपी नेता पेमासेनी चंद्रशेखर, निषाद पार्टी से प्रवीण निषाद, जनता दल सेकुलर से एचडी कुमारस्वामी, एलजेपी से चिराग पासवान, राष्ट्रीय लोकदल से जयंत चौधरी आदि लोग शामिल थे।
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