जयपुर। भारत के चुनावी इतिहास में पहली बार कोई राजनीतिक पार्टी विधानसभा का चुनाव स्टाम्प पर एफिडेविट देकर लड़ेगी। यह एफिडेविट प्रदेश स्तर पर और प्रत्येक विधानसभा के स्तर पर पार्टी द्वारा दिया जाएगा, जिसमें जनता से किए गए वादों को चुनाव जीतने के बाद निर्धारित समय सीमा में पूरा नहीं करने पर कोई भी व्यक्ति सक्षम न्यायालय में जाकर वादाखिलाफी और धोखे का केस कर सकेगा।
ऐसे में पार्टी और जीते हुए सदस्यों को बेदखल करने का अधिकार जनता को मिल जाएगा, जो रिकॉल के अधिकार से भी अधिक प्रभावी और सरल होगा।
जी हां, इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा के चुनाव में ऐसी पार्टी ने उतरने की घोषणा कर दी है, जिसका नाम अभिनव राजस्थान पार्टी है। पिछले कई वर्षों के जनजागरण के बाद तैयार किए गए अपने विकास के मॉडल को लेकर अभियान के सदस्य जनता के सामने जा रहे हैं। गत एक फरवरी को जयपुर के बिड़ला सभागार में अभियान के एक हजार सदस्यों ने यह ऐलान किया था।
‘लोकनीति’ से विकास करवाने का दावा
अभिनव राजस्थान के संयोजक डॉ. अशोक चौधरी का कहना है कि राजस्थान में ‘राजनीति’ से परेशान आमजन को ‘लोकनीति’ के माध्यम से असली विकास का अहसास करवाना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। कांग्रेस और भाजपा के राज की अदला-बदली के खेल से जनता ऊब चुकी है और सही विकल्प उपलब्ध न होने का उसे अक्सर मलाल रहता है। जनता को वही विकल्प अभिनव राजस्थान देना चाहता है।
सभी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
पार्टी राजस्थान के सभी 200 स्थानों पर विधानसभा चुनाव में उतरेगी। गौरतलब है कि उम्मीदवारों के चयन और प्रशिक्षण की प्रक्रिया पिछले साल अक्टूबर में पुष्कर से प्रारंभ हो चुकी है। अब तक 26 जिलों में प्रचार का काम शुरू हो चुका है। अभिनव राजस्थान के साथी राजस्थान के विकास की अपनी सम्पूर्ण योजना को एक बुकलेट के रूप में जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। पार्टी का विशेष फोकस युवा और किसानों पर है।
(मदन कोथुनियां स्वतंत्र पत्रकार हैं और आजकल जयपुर में रहते हैं।)
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