Wednesday, March 29, 2023

पंजाब: श्री आनंदपुर साहिब में 24 वर्ष के युवक की मॉब लिंचिंग                                                

अमरीक
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प्रदीप सिंह की मां बलविंदर कौर के मुताबिक वह उनका इकलौता बेटा था। प्रदीप और उसकी बहन कनाडा में रह रहे थे। इस हत्याकांड के बाद पूरा पंजाब नए सिरे से दहल गया है।

पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब में युवक प्रदीप सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मरने वाला प्रदीप सिंह होली के त्योहार पर कनाडा से भारत आया था। घटना होली के दिन ही घटी। प्रदीप जिस होला मोहल्ला को देखने कनाडा से आया था उसी दिन उसकी मॉब लिचिंग को अंजाम दिया गया।

उस दिन वो ‘होला मोहल्ला’ का आयोजन देख रहा था तभी वहां कुछ युवक आए जो अपनी गाड़ी में तेज आवाज़ में आपत्तिजनक गाना बजाने लगे । प्रदीप सिंह ने उन युवकों को मना करते हुए कहा कि खालसा की पवित्र धरती पर इस तरह नहीं किया जाना चाहिए।

इस बात पर तकरार बढ़ गई और उन युवकों ने पीट-पीटकर प्रदीप सिंह हत्या कर दी। हत्यारों की अगुवाई करने वाला निरंजन सिंह इन दिनों पंजाब में बहुचर्चित (कुख्यात) नाम अमृतपाल सिंह खालसा का अनुयायी बताया जाता है। श्री आनंदपुर साहिब जिला रूपनगर के तहत आता है। वहां के पुलिस प्रमुख विवेकशील सोनी ने घटना की पुष्टि की है।

प्रदीप सिंह की मां बलविंदर कौर के मुताबिक वह उनका इकलौता बेटा था। प्रदीप और उसकी बहन कनाडा में रह रहे थे। इस हत्याकांड के बाद पूरा पंजाब नए सिरे से दहल गया है।

पंजाब में मॉब लिंचिंग की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले श्री हरमंदिर साहिब और इसके बाद जिला कपूरथला के गुरुद्वारे में भी मॉब लिंचिंग हो चुकी है। लेकिन वहां शिकार बने लोग दूसरे समुदाय के थे। पंजाब में तब भी इसका तीखा विरोध हुआ था लेकिन इन मामलों में प्रशासन का रूख कभी सामने नहीं आया।

इस बार मरने वाला प्रदीप सिंह भी निहंग यानी सिख था और मारने वाले भी सिख समुदाय से था। जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल कहते हैं, “जो हुआ, बेहद घृणित है और इस पर खामोशी नहीं रखी जा सकती। आखिर सिख समुदाय किस तरफ जा रहा है? पहले की घटनाओं पर सरकारों ने सख्त रवैया अख्तियार नहीं किया। इसलिए यह सब हो रहा है।”

वहीं पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन शर्मा का कहना है कि पहले की और मौजूदा सरकारें धार्मिक मामलों में दखल न देने के बहाने बहुत कुछ बिगाड़ चुकी है। बता दें कि प्रदीप सिंह की हत्या जहां हुई है वह श्री आनंदपुर साहिब के गुरुद्वारे का मुख्य द्वार है। ऐन उसी जगह पर खालसा पंथ की नींव रखी गई थी।                        

बता दें कि मामले में अब तक सर्वोच्च सिख संस्था शिरोमणि अकाली दल (एसजीपीसी) और श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। एसजीपीसी के एक सदस्य नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहते हैं, “इस घटनाक्रम ने पंजाब को स्तब्ध कर दिया है और हमारी (सर्वोच्च सिख) संस्थाओं को इस पर स्टैंड लेना ही होगा।” मामले में पंजाब सरकार फिलहाल खामोशी अख्तियार किए हुए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल है ।

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक की रिपोर्ट।)                     

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