Friday, March 31, 2023

सीबीसीआईडी करेगी बहुचर्चित हाईप्रोफाइल विभूति भूषण सिंह हत्याकांड की जांच

Janchowk
Follow us:

ज़रूर पढ़े

बनारस के बहुचर्चित हाई प्रोफाइल विभूति भूषण सिंह मर्डर केस FIR नम्बर 66/2022 को शासन स्तर पर सीबीसीआईडी को सौंपा गया। इस हत्या में नामजद आरोपी महादेव महाविद्यालय के प्रबंधक अजय कुमार सिंह और उनकी पत्नी सीमा सिंह पुत्र पार्थ सिंह, चचेरे भाई अवनीश कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह समेत कॉलेज कर्मचारी पीयूष पटेल के खिलाफ विभूति भूषण सिंह के भाई कीर्ति भूषण सिंह ने दफा 302, 506, 120B के तहत पहली प्राथमिकी 11 फरवरी, 2022 को कैंट थाने में दर्ज करवाई थी, जिसकी विवेचना में इस बहुचर्चित हत्याकांड के सभी आरोपियों की पुलिस की मिलीभगत के कारण बचाने का प्रयास किया गया।

वाराणसी। बनारस के बहुचर्चित हाई प्रोफाइल विभूति भूषण सिंह मर्डर केस FIR नम्बर 66/2022 को शासन स्तर पर सीबीसीआईडी को सौंपा गया। इस हत्या में नामजद आरोपी महादेव महाविद्यालय के प्रबंधक अजय कुमार सिंह और उनकी पत्नी सीमा सिंह पुत्र पार्थ सिंह, चचेरे भाई अवनीश कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह समेत कॉलेज कर्मचारी पीयूष पटेल के खिलाफ विभूति भूषण सिंह के भाई कीर्ति भूषण सिंह ने दफा 302, 506, 120B के तहत पहली प्राथमिकी 11 फरवरी, 2022 को कैंट थाने में दर्ज करवाई थी, जिसकी विवेचना में इस बहुचर्चित हत्याकांड के सभी आरोपियों की पुलिस की मिलीभगत के कारण बचाने का प्रयास किया गया।

जिसके विरुद्ध इलाहाबाद हाईकोर्ट में फरवरी, 2022 को दाखिल याचिका में पुलिस की भूमिका की तरफ संदिग्ध किरदार अदा करने का पुख्ता सबूत भी दिया गया था जिसे कोर्ट ने माना और  इस हत्या की वजहों की निष्पक्ष जांच करने का आदेश भी दिया। लेकिन पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के कारण गुपचुप तरीके से इस मामले को निपटाने के साथ रफा-दफा करने की कोशिश की गई क्योंकि पुलिस की केस डायरी में इस संगीन मामले की कोई जांच ही नहीं की गई बल्कि तत्कालीन कैंट थाना प्रभारी अजय सिंह इसे एक्सीडेंट के मामले में बदलने के लिए वादी पर दबाव बना रहे थे।

इस के खिलाफ कीर्ति भूषण सिंह ने शासन स्तर पर पैरवी के साथ कानून का सहारा लिया फलस्वरूप इस हत्याकांड की जांच विभूति की हत्या के ठीक एक साल बाद यानी 10 फरवरी, 2023 को सीबीसीआईडी को सौंपी गई है। ये हत्या दरअसल फ़र्ज़ी दस्तावेजों पर महादेव महाविद्यालय की मान्यता लेने और राजस्व विभाग में किये गए फर्जीवाड़े को बचाने के लिए आरोपियों की तरफ से की गई है।

इसकी निष्पक्ष जांच को लेकर वादी ने प्रशासन और शासन से एजेंसी के सामने अर्जी डाली थी। आपको बता दें कि महादेव महाविद्यालय के बीएड के फर्जीवाड़े पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पहले ही 2021 में अपना शिकंजा कस चुका है जिसमें कॉलेज की बीएड की मान्यता रद्द होने की कार्यवाही पूरी हो चुकी है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

ग्राउंड रिपोर्ट: 110 साल से रह रहे बाशिदों का डीडीए ने उजाड़ा आशियाना, सड़क पर रहने को मजबूर 29 परिवार

नई दिल्ली। मार्च के महीने में दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले ने एक परिवार को सड़क पर ला दिया।...

सम्बंधित ख़बरें