Thursday, April 25, 2024

आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ पर कांग्रेस का जय भारत महासम्पर्क अभियान शुरू, आज़मगढ़ में प्रवास पर संगठन सचिव

आज़मगढ़। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी स्वतन्त्रता दिवस की 75वीं वर्षगाँठ पर 30 हज़ार गांवों और वार्डों में महासंपर्क अभियान चला रही है। कल से शुरू तीन दिन के प्रवास में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता 90 लाख लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं। आज़मगढ़ में प्रदेश के संगठन मंत्री अनिल यादव प्रवास पर हैं।

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर इस उपलक्ष्य में  पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता 75 घंटे तक चिन्हित 30 हज़ार ग्राम सभाओं और वार्डों में प्रवास पर हैं। 

प्रदेश संगठन सचिव अनिल यादव ने निज़ामाबाद विधानसभा के डिहवा बारी ग्राम सभा से जारी प्रेसनोट में बताया कि तीन दिवसीय प्रवास में गाँव गाँव कांग्रेस के पदाधिकारी संपर्क कर रहे हैं और कांग्रेस की नीतियों को आमलोगों से बता हैं। 

महासंपर्क अभियान के दौरान प्रवास पर संगठन सचिव अनिल यादव ने दत्तात्रेय धाम पर श्रमदान किया। डिहवा बारी में अम्बेडकर प्रतिमा पर अनिल यादव, मंजीत यादव, रामकुमार, ब्लाक अध्यक्ष रविशंकर पांडेय, राष्ट्रीय पहलवान अमरजीत, शिवकुमार गोंड, दयाराम समेत कई लोगों ने माल्यार्पण किया। 

कांग्रेस संगठन सचिव अनिल यादव ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वांचल के विकास को भाजपा, सपा, बसपा ने बाधित कर दिया। कांग्रेस के समय में बनाई गई नहरें अब खर पतवार से पट गयी हैं। तमाम औद्योगिक इकाइयां ठप्प हो गईं। चीनी मिलें बन्द पड़ी हैं। शिक्षण संस्थानों का बुरा हाल है। 

उन्होंने कहा कि पूरे पूर्वांचल में भाजपा की दलित-पिछड़ा विरोधी नीति के खिलाफ हम संघर्ष कर रहे हैं। आज़मगढ़ के पलिया गांव में दलित परिवारों के ऊपर पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ हमने लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलितों-पिछड़ों की आवाज़ मजबूती से बुलंद करेगी। 

ब्लॉक अध्यक्ष रविशंकर पांडेय ने बताया कि डिहवा बारी गांव में सद्भावना दिवस के रूप में स्व. राजीव गांधी की जयंती मनाई गयी। स्व. राजीव गांधी की जयंती पर ग्रामीणों द्वारा संविधान की शपथ दोहराई गयी। रविशंकर पांडेय ने कहा कि पूरे मिर्ज़ापुर ब्लॉक में हर न्याय पंचायत पर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रवास पर हैं।  गाँव गाँव महासचिव प्रियंका गांधी जी का शुभकामना संदेश भी भेजा जा रहा है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।

Related Articles

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।