Sunday, April 28, 2024

गांधी शहादत दिवस: भाकपा-माले ने निकाला ‘लोकतंत्र बचाओ संविधान बचाओ’ मार्च

लखनऊ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर आज भाकपा (माले) की ओर से लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ मार्च निकाला गया। इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा जन संस्कृति मंच, आइसा और एपवा जैसे जन संगठन भी शामिल थे। मार्च की शुरुआत लालकुआं कार्यालय से हुई जिसे हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा तक जाकर माल्यार्पण करना था। लेकिन इस मार्च को पुलिस ने हुसैनगंज चौराहा के पास रोक लिया जहां पर सभा के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो पर माल्यार्पण किया गया।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज दिन के एक बजे पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने लालकुआं पार्टी कार्यालय से लाल झंडा, तिरंगा, बैनर तथा गांधी जी की तस्वीर के साथ नारेबाजी करते हुए लोकतंत्र बचाओ संविधान बचाओ मार्च निकाला। मार्च के नारे थे – बापू हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिन्दा हैं, महात्मा गांधी अमर रहें, लोकतंत्र और संविधान विरोधी मोदी-योगी सरकार मुर्दाबाद, नफरत की राजनीति मुर्दाबाद, साम्प्रदायिक फासीवाद हो बर्बाद आदि।

इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मोदी योगी सरकार द्वारा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए न जाने देने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आज भाजपा सरकार गांधी से इतनी डरी हुई है कि वह हमें गांधी प्रतिमा तक भी नहीं जाने दे रही है। उन्होंने कहा कि जिस शख्सियत ने देश की आजादी और कौमी एकता के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया आज योगी सरकार हमें उनके पास जाकर माल्यार्पण करने तक नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन में अंग्रेजों का साथ देने वाले आज राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं।

सुधाकर यादव ने कहा कि आज मोदी योगी राज में कोई भी सुरक्षित नहीं है। संविधान और लोकतंत्र को खत्म कर मनुस्मृति पर आधारित समाज व्यवस्था बनाने का कुचक्र रचा जा रहा है जिसे देश के किसान, मजदूर, छात्र और नौजवान बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि लोकतन्त्र और संविधान की रक्षा के लिए पूरी ताकत के साथ संघर्ष में उतर पड़े।

सभा को जन संस्कृति मंच के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर ने भी संबोधित किया और कहा कि गांधी जी ने चरखा व तिरंगा को आजादी का प्रतीक बनाया था। इस संघर्ष से लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकार मिला। आज का प्रतीक बुलडोजर है। हर तरह की स्वतंत्रता को रौंदा जा रहा है। आज का दिन हमारे लिए संकल्प का दिन है। इस अवसर पर कौशल किशोर ने ‘गांधी’ कविता सुनाई। माले की राज्य कमेटी के सदस्य राधेश्याम मौर्य और आइसा के शशांक ने भी सभा को संबोधित किया। सभा का संचालन पार्टी के जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर ने किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ऐक्टू के जिला मंत्री मगन, ऐपवा नेत्री कमला गौतम, मंजू गौतम, जसम के सह सचिव राकेश कुमार सैनी, किसान नेता छोटे लाल रावत, रामसेवक रावत, रमेश शर्मा, दुर्गेश कुमार, आइसा के निखिल, समर आदि शामिल थे।

आइसा और आरवाईए ने निकाला सांप्रदायिकता विरोधी मार्च

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 76वें शहादत दिवस पर भाकपा (माले), आइसा और आरवाईए ने सांप्रदायिकता विरोधी मार्च निकाला।  मार्च आइसा कार्यालय से शुरू होकर गांधी प्रतिमा, बालसन चौराहा पर एक संक्षिप्त सभा करके संपन्न हुआ।

सभा को संबोधित करते हुए आइसा के इकाई सचिव मनीष कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के साथ-साथ सांप्रदायिकता के खिलाफ भी एक लंबी लड़ाई लड़ा। आज सांप्रदायिक उन्मादी ताकतें देश के शिक्षण संस्थानों में अपना पैर जमा रही हैं और शिक्षा का बड़े स्तर पर भगवाकरण कर रही हैं जिससे शिक्षा में तार्किकता व वैज्ञानिक चेतना समाप्त हो रही है और देश के युवाओं को नागरिक ना बनाकर, भक्त बनाया जा रहा है।

आरवाईए जिला सहसंयोजक सोनू यादव ने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें  सांप्रदायिक उन्माद की ओर धकेल रही हैं। देश के युवाओं को राम नहीं, काम चाहिए। देशभर के युवा 1 फरवरी को रेल रोको आंदोलन करेंगे जिसका मैं समर्थन करता हूं।

एमए की छात्रा साक्षी ने कहा कि देश में बढ़ते धार्मिक उन्माद के चलते महिला अधिकारों पर हमला बढ़ा है, समाज में पुरुषवादी पितृसत्तात्मक मानसिकता हावी होती दिख रही है। इससे हमें हर कीमत पर लड़ना होगा।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला प्रभारी सुनील मौर्य ने कहा कि मौजूदा सत्ता गांधी के भारत पर सांप्रदायिक फासीवादी विचारों को थोप रही है और संविधान व लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है। और धर्म के आधार पर राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस काम में देश के कॉर्पोरेट घराने भाजपा आरएसएस की पूरी मदद कर रहे हैं। इस मौके पर हम शपथ लेते हैं कि भारत को धार्मिक राष्ट्र में तब्दील नहीं होने देंगे, हर कीमत पर संविधान और लोकतंत्र बचाएंगे और सांप्रदायिक नफरत को हराएंगे।

 सभा का संचालन सुयश राय ने किया। मार्च में शिवरतन दास, सोनू यादव, राहुल, सुजीत, कंचन, अनिरुद्ध, आलोक, शशांक, प्रदीप, अनुराग चौरसिया, कृष्णमोहन यादव सहित अन्य छात्र छात्राएं शामिल रहे।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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