चंदौली। उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद स्थित चकिया क्षेत्र के गणवा में वन व गांव की जमीन पर वर्षों से लोग बसे तथा खेती करते आ रहे हैं। उस जमीन का कागज दिए जाने, बैराठ व भोका बांध की जमीन पर खेती करने के लिए भूमिहीनों गरीबों को दिए जाने, वनाधिकार कानून के तहत दावा दाखिल करने वाले दावेदारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिए जाने, गणवा जैसे तमाम गांव में निवास करने वाले लोगों को उनके गांव का निवास प्रमाण-पत्र जारी किए जाने व विशेष आर्थिक पैकेज से विकास किए जाने समेत कई मांगों को लेकर एक महीने से अधिक समय से धरना दे रहे भाकपा (माले) के कार्यकर्ता व ग्रामीण 23 मार्च से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
सभी प्राइमरी व कंपोजिट विद्यालयों सहित सभी विद्यालयों में शहीद भगत सिंह व बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में पढ़ाए जाने को अनिवार्य किए जाने, जिस जमीन पर लोग बसे तथा खेती करते आ रहे हैं, उस जमीन का कागज दिए जाने, बैराठ व भोका बांध की जमीन पर खेती करने के लिए भूमिहीनों गरीबों को दिया जाने, वनाधिकार कानून के तहत दावा दाखिल करने वाले दावेदारों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिए जाने, गणवा जैसे तमाम गांव में निवास करने वाले लोगों को उनके गांव का निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने व विशेष आर्थिक पैकेज से विकास किए जाने, शिकारगंज क्षेत्र को सूखा की मार से बचाने का स्थाई हल निकाले जाने व भोका कट कर भोका बांध में पर्याप्त पानी मुहैया कराए जाने की मांग प्रशासन के समक्ष रखे हुए हैं।
कॉमरेड बिजई राम ने “जनचौक” को बताया कि भोका बांध का पूर्ण मरम्मत अतिशीघ्र कराए जाने, केवलाखाड़ में झोपड़ी लगाकर खेती कर रहे आदिवासी वनवासी मजदूरों किसानों की फसल को बर्बाद करने पर रोक लगाने, सहित तमाम सवालों को लेकर भाकपा (माले), अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा, इंकलाबी नौजवान सभा तथा अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन के बैनर तले चल रहा अनिश्चितकालीन धरना गुरूवार को आमरण अनशन में तब्दील हो गया है। चकिया ब्लाक सचिव कामरेड बिजई राम अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर अपने साथियों संग बैठ गए हैं। उनको भाकपा (माले) जिला कमेटी सदस्य कामरेड रामबचन पासवान ने माला पहनाकर आमरण अनशन पर बैठाया।

आमरण अनशन पर हुई सभा को संबोधित करते हुए कामरेड बिजई राम ने कहा कि उपजिलाधिकारी चकिया दो बार अनिश्चितकालीन धरने पर आए कुछ सवालों को हल करने की बात कही, लेकिन उसको भी वो हल नहीं कर पाए। इसलिए आज शहीदे आजम भगत सिंह का शहादत दिवस है। उनकी शहादत को याद करते हुए हमें आजाद भारत में अपने सवालों को सरकार तक पहुंचाने के लिए आमरण अनशन पर जाना पड़ रहा है। यह हमारे लिए बड़ी विडंबना का समय है।
सभा को भाकपा (माले) जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान, भारतीय किसान यूनियन के नेता विद्याधार मौर्य, इनौस राष्ट्रीय परिषद सदस्य कुमारी अनीता, किसान नेता बड़ूचंद यादव, रामबचन पासवान, विदेशी राम सहित तमाम लोगों ने संबोधित किया। अध्यक्षता कामरेड लालबरत मौर्य तथा संचालन इनौस जिला सह सचिव रमेश चौहान ने किया।
इस आंदोलन के संदर्भ में विस्तृत ग्राउंड रिपोर्ट यहां पढ़ें –
(चंदौली से पत्रकार पवन कुमार मौर्य की रिपोर्ट।)
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