मानव तस्करी पर सख्त हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, अधिकारियों के साथ बैठक में कड़ी कानूनी कार्रवाई के दिए निर्देश

झारखंड। राज्य में मानव तस्करी के लगातार बढ़ते मामलों पर 29 सितंबर 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक की और इस पर रोक लगाने को लेकर कई तरह के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) पर रोक लगाने के संबंध में पुलिस विभाग तथा महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य संबंधित विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) राज्य में एक गंभीर समस्या बन रही है, इसके रोक-थाम के लिए सभी संबंधित विभाग, NGO तथा सामाजिक संस्थाओं को बेहतर समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्य योजना बनाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव तस्करी जैसे कार्यों में अनेक आपराधिक तत्व इस संगठित अपराध में लिप्त रहते हैं, ऐसे तत्त्वों की धर पकड़ के साथ-साथ आम जनता को भी इस दिशा में सजग और सावधान बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि झारखंड के चौबीसों जिलों में एक कंबाइंड बिल्डिंग बनायी जाए जहां एसटी/एससी थाना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना, साइबर थाना एवं महिला थाना 24×7 कार्यरत हो सके। संबंधित विभाग कंबाइंड भवन का डीपीआर तैयार कर अग्रतर कार्रवाई करना सुनिश्चित करे। बैठक में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित पुराने एवं लम्बित मामलों का निरंतर समीक्षा करते हुए उन मामलों को निष्पादित करें। मामलों के कनविक्शन की मॉनिटरिंग करें।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मानव तस्करी में शामिल लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करें। ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल सिंडिकेट अथवा एजेंसियों पर हर हाल में कार्रवाई सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेलने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी तथा प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे श्रमिक जो घरेलू कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं उनका डाटा और पुलिस वेरीफिकेशन सुनिश्चित करें ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक तथा मानसिक शोषण से बचाया जा सके। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित जितने हेल्प डेस्क तथा कॉल सेंटर बनाए गए हैं उन्हें पूर्ण रूप से सक्रिय करें तथा उन सेंटरों का निरंतर समीक्षा की जाए। पंचायत स्तरों में स्थापित कॉमन सर्विस सेंटरों में भी श्रमिकों की डाटा रजिस्टर्ड हो सके इसकी भी व्यवस्था बनाएं।

हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के वैसे प्रवासी श्रमिक अथवा मजदूर जो रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करते हैं, उनके हित के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनाएं। एक ऐसा मेकैनिज्म तैयार करें जिसमें राज्य सरकार की ओर से उन श्रमिकों को इंसेंटिव मिले तथा उनका सारा डाटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके। उन्होंने ये भी कहा कि राज्य के सभी पंचायत एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी मानव तस्करी से संबंधित सूचना तंत्र को मजबूत करें।

उन्होंने महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग अंतर्गत झारखंड महिला विकास समिति के तहत वूमेन ट्रैफिकिंग से संबंधित रोकथाम एवं पुनर्वास हेतु संचालित योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र, वन स्टॉप सेंटर योजना, महिला हेल्पलाइन योजना, स्वाधार गृह योजना/उज्ज्वला योजना (शक्ति सदन) सहित अन्य योजनाओं के कार्य प्रगति की समीक्षा की तथा अधिकारियों को कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए।

झारखंड में पिछले पांच वर्षों में मानव तस्करी के 1,574 लोग शिकार हुए हैं। जिसमें 1,026 महिलाएं और 548 पुरुष और बच्चे शामिल हैं। 18 वर्ष से कम उम्र के शिकार युवकों की संख्या 332 और 18 वर्ष या उससे अधिक की संख्या 216 हैं। वहीं 2017 से लेकर 2022 के अंत तक मानव तस्करी के 656 मामले दर्ज किए गए।

जनवरी 2022 से लेकर अक्टूबर 2022 तक कि बात की जाए तो इस दौरान 93 मामले मानव तस्करी के आए हैं और 74 पीड़ितों की बरामदगी भी हुई है। वहीं 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जागरूकता और मदद के लिए 300 महिला हेल्प डेस्क भी बनाया गया है।

झारखंड की बेटियों को लगभग घरेलू काम के नाम पर दूसरे राज्यों में बेचा जाता है, तो किसी किसी को शादी के नाम पर। शादी के नाम पर बेची गई ल़डकियों को पारो या फिर दासी के नाम से पुकारा जाता है। इन ल़डकियों से जो व्यक्ति शादी करता है सिर्फ वहीं शारीरिक सम्बंध नहीं बनाता, बल्कि उस घर के ज्यादातर मर्द सम्बंध बनाते हैं।

मानव तस्करी और उत्पीड़न के खिलाफ हुए इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजी सीआईडी अनुराग गुप्ता, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज, श्रम विभाग के सचिव राजेश शर्मा, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव कृपानंद झा, स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव के.रवि कुमार, श्रम आयुक्त संजीव बेसरा, एसपी सीआईडी श्रीमती संध्या रानी मेहता, पंचायती राज निदेशक निशा उरांव, सीईओ जेएसएलपीएस संदीप सिंह, समाज कल्याण-सह-परियोजना निदेशक महिला विकास समिति शशि प्रकाश झा एवं अन्य उपस्थित रहे।

(विशद कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं और झारखंड में रहते हैं।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments