वाम और जनवादी राजनीतिक दलों ने की आंदोलित छात्रों के दमन की निंदा

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लेफ्ट और जनवादी राजनीतिक दलों ने प्रेस कांफ्रेंस करके रेलवे भर्ती बोर्ड में आंदोलित छात्रों के दमन और इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान की गिरफ्तारी की निंदा की है। नेताओं ने सचान की बिना तत्काल बिना शर्त की रिहाई की मांग की है।

उनका कहना था कि दो और छात्र गिरफ्तार हुए हैं और अन्य छात्रों पर फर्जी मुकदमें दर्ज किए गए हैं जिन्हें तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रयागराज में एक हजार अज्ञात छात्रों पर मुकदमा दर्ज करने की बात एफआईआर में कही गई है।

आपको बता दें कि 2019 में रेलवे ने लगभग 1 लाख ग्रुप डी और नान टेक्निकल पापुलर केटेगरी (एनटीपीसी) के लगभग 35 हजार पदों के विज्ञापन जारी किए थे। जिसमें दोनों परीक्षाओं के लिए एक-एक करोड़ से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था। इन दोनों परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए छात्रों ने देशव्यापी मुहिम चलाई थी। जिसके बाद रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा फरवरी 2022 में ग्रुप डी की परीक्षा घोषित की गई और दिसम्बर 2020 से एनटीपीसी की सीबीटी-1 की परीक्षा आयोजित की गई। 15 जनवरी 2022 को एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए जिसमें छात्रों को नार्मलाइजेशन के नाम पर 20 गुना क्वालीफाई नहीं कराया गया और ग्रुप डी में दो स्तर की परीक्षा कराने से छात्रों में गहरा आक्रोश है। इस पर कमेटी बनाने से छात्रों के सवाल हल नहीं होंगे। सरकार को तत्काल अपने नोटिफीकेशन के अनुसार एनटीपीसी में 20 गुना अभ्यार्थी का चयन करना चाहिए और ग्रुप डी की परीक्षा तत्काल आयोजित करनी चाहिए।

पत्रकार वार्ता में नेताओं ने कहा कि जिस तरह से प्रयागराज में लाजों और हास्टल में घुसकर पुलिस ने दमन ढाया वह भाजपा सरकार द्वारा कायम किए जा रहे आतंक राज का जीवंत प्रमाण है। इसके विरूद्ध समाज के सभी तबकों से छात्रों के आंदोलन का समर्थन करने की अपील की गई। 

उन्होंने कहा कि युवा मंच संयोजक राजेश सचान के बारे में जो सोशल मीडिया पर भड़काने की बात कही गई और वर्चुअल युवा पंचायत बुलाकर बवाल करने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तौर पर निराधार है। क्योंकि 25 जनवरी को गूगल मीट पर आयोजित वर्चुअल मीटिंग की प्रेस विज्ञप्ति से यह पूरे तौर पर स्पष्ट है कि युवा मंच ने छात्रों को न तो भड़काया और न ही युवा पंचायत से बवाल करने की कोई अपील की गई।

पत्रकार वार्ता में कहा गया कि रोजगार की मांग करना छात्रों युवाओं का मौलिक अधिकार है वह उन्हें मिलना ही चाहिए। जिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर छात्रों का दमन किया गया है। उनकी शिनाख्त होनी चाहिए और उन्हें दंडित करना चाहिए। महज एक पुलिस इंस्पेक्टर और 6 पुलिस कर्मियों का निलम्बन करके सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती है। 

पत्रकार वार्ता में सीपीएम के राज्य सचिव मंडल सदस्य का. प्रेमनाथ राय, सीपीआई के राज्य कौंसिल सदस्य व लखनऊ जिला मंत्री का. अकरम खान, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संदीप पांडये, स्वराज इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अनमोल व राजीव ध्यानी, कांग्रेस आरटीआई सेल के संयोजक हरेराम मिश्रा, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी, दिनकर कपूर, कमलेश सिंह एडवोकेट आदि लोग रहे।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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