बुलंदशहर में टूटीं हैवानियत की सीमाएं, घर में घुसकर रेप के बाद दलित लड़की की जलाकर हत्या

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 14 साल की एक दलित लड़की को जिंदा जला दिया गया। लड़की को जिला अस्पताल से दिल्ली रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घर वालों का कहना है कि दुष्कर्म करने वाले युवक का चाचा उन पर समझौते के लिए दबाव बना रहा था। मना करने पर चाचा सुबह पत्नी के साथ घर आया और लड़की को आग लगा दी।

बुलंदशहर के जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र के सिद्धनगड़ा गांव में कल मंगलवार की सुबह दलित लड़की को उसके घर में घुसकर जिंदा जला दिया गया। मरने से पहले पीड़िता ने बयान भी दिया है। बयान वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जहांगीराबाद पुलिस ने आरोपी चाचा-चाची समेत सात आरोपियों पर IPC की धारा 1147, 506, 452, 307 और SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज की है। वहीं, आरोपी बनवारी और बीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मामले में एसएसपी ने अनूपशहर इंस्पेक्टर सुभाष सिंह और थाना जहांगीराबाद इंस्पेक्टर विवेक शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया है। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि अपनी शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालने के बाद एक बलात्कार पीड़िता ने कथित रूप से आत्मदाह का प्रयास किया, जिसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। इस प्रकरण में कार्रवाई जारी है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

पीड़िता ने 15 अगस्त को दर्ज कराया था बलात्कार का केस
पीड़िता ने 15 अगस्त 2020 को दुष्कर्म मामले में आरोपी युवक को नामजद करते हुए केस दर्ज कराया था। एफआईआर के मुताबिक पीड़िता 14 अगस्त की शाम गांव के बाहर अमरूद के बाग़ में गई थी। वहां से वह लापता हो गई थी। अगली सुबह यानी 15 अगस्त को वह गन्ने के खेत में बेहोशी की हालत में मिली थी। इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपी हरिचंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। फिलहाल आरोपी हरिचंद जेल में ही बंद है।

आरोप है कि घटना के बाद से ही आरोपी हरिचंद के परिजन पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए दबाव बना रहे थे। समझौता करने से इंकार करने पर मंगलवार सुबह परिजनों ने किशोरी को आग की लपटों से घिरा हुआ पाया। परिजन ने पीड़िता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया और वहां उसकी मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश में दलित लड़कियों के खिलाफ़ अत्याचार, बलात्कार और हत्या का सिलसिला बे-रोक-टोक जारी है। पुलिस प्रशासन और सत्ता का कथित उच्च जातियों के संरक्षण का नतीजा ये है कि आरोपी न्याय व्यवस्था और कानून-व्यवस्था की रोज ही धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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