Saturday, April 27, 2024

डॉ. कफील की रिहाई के लिए मुजफ्फरपुर के लोगों ने किया प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर। इंसाफ मंच ने यूपी की जेल में बंद डॉ. कफील खान की अविलंब रिहाई की मांग की है। कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने इस दौरान पोस्टर के साथ प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में बच्चे, महिलओं और नौजवानों ने भाग लिया।

इस दौरान डॉ. कफील पर लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) वापस लेने, सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में गिरफ्तार सभी आंदोलनकारियों को रिहा करने, लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बंद करने की मांग केंद्र और यूपी सरकार से की गई।

इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह और उपाध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि पिछले साल बाढ़ के समय मुजफ्फरपुर और आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दर्जनों गांव-पंचायतों में मेडिकल कैंप लगा कर डॉ. कफील खान ने बच्चों समेत आम लोगों का इलाज किया था। अभी जब कोरोना महामारी के साथ मुजफ्फरपुर और उत्तर बिहार के लाखों लोग बाढ़ जनित बीमारी की चपेट में आ रहे हैं तब जनता की सेवा के लिए प्रसिद्ध डॉक्टर कफील को जेल में नहीं जनता के बीच होना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि यूपी की योगी सरकार ने जबरन उन पर रासुका थोप कर जेल में बंद कर रखा है। डॉ. कफील का मुजफ्फरपुर से गहरा लगाव रहा है और वह पिछले साल चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए लंबे समय तक मुजफ्फरपुर के गांवों का दौरा करते रहे हैं। बच्चों और जनता के ऐसे चिकित्सक को अविलंब रिहा करना चाहिए। नहीं तो यह डॉ. कफील के साथ मुजफ्फरपुर के बच्चों और लोगों के साथ भी नाइंसाफी है।

चंदवारा में आयोजित प्रदर्शन में रियाज खान, सैफी करीमी, शाहिद करीमी, जफर इकबाल, मौलाना नजमुस्साकिब, मो. नूर आलम, मो. जाहिद, मो. अखलाक, शफीकुर रहमान, जाहिदा परवीन, नुजहत रहमान, रशीदा परवीन, सबा रहमान, मनाल रशीद, यूसुफ अब्दुल्लाह, मो. इमरान खान, गुफरान खान, अरमान अंसारी, मो. शहवाज, कैफी करीमी, मोईन मुख्तार, इफ्तेखार अहमद, दानिश रहमान, आसिफ करीमी, फूल बाबू, मो. इरशाद, मो. नसरुद्दीन समेत अन्य लोग शामिल थे।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

Related Articles

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।