Monday, September 25, 2023

झारखंड के सिंहभूम में माओवादी बताकर हिरासत में लिये गये युवक को ग्रामीणों ने थाने से छुड़ाया

रांची। आदिवासी बहुल राज्यों में भाकपा (माओवादी) के खिलाफ सीआरपीएफ व राज्य पुलिस का संयुक्त अभियान चलता ही रहता है और इस दौरान आम आदिवासियों को माओवादी बताकर हिरासत में लेना और फिर माओवादी घटना में शामिल बताकर जेल भेजना भी आम बात है। कई बार तो पुलिस के अभियान में उनके घर जलाये गये हैं, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ से लेकर सामूहिक बलात्कार तक किया गया है, यही नहीं बल्कि फर्जी मुठभेड़ दिखाकर आदिवासियों की हत्या भी कर दी गयी है। लेकिन जब ये जुल्म के खिलाफ तनकर खड़े हो जाते हैं, तब फिर पुलिस को पीछे हटना ही पड़ा है।

ठीक ऐसी ही घटना कल झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के सोनुवा थानान्तर्गत घटी। सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस माओवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थी और 30 जनवरी को सोनुवा साप्ताहिक हाट से लोंजो पंचायत के केडाबीर गांव के रहने वाले छोटे भूमिज अपने गांव लौट रहे थे। पुलिस ने माओवादी होने के शक के आधार पर उसे हिरासत में लेकर सोनुवा थाना लेते आई। इस बात की खबर जब केडाबीर गांव में पहुंची, तो वहां से सैकड़ों महिला-पुरुष 31 जनवरी को अपने परंपरागत हथियार तीर-धनुष से लैस होकर चल पड़े और सोनुवा थाना को घेरकर सोनुवा-गोईलकेरा मार्ग को जाम कर दिया। यह घेराव तब तक चलता रहा, जब तक कि हिरासत में लिए गए छोटे भूमिज को छोड़ नहीं दिया गया।

ग्रामीणों की इस छोटी सी जीत हमें यही सिखाती है कि हम तब तक लड़ते रहें, जब तक कि हमें जीत न मिल जाती हो।

(रुपेश कुमार सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं और आजकल झारखंड के रामगढ़ में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles

पूरा आसमान अपना, मगर दो गज जमीन नहीं

मुजफ्फरपुर। गोपालपुर तरौरा गांव के 45 वर्षीय शिवनंदन पंडित के परिवार में चार से...