बलात्कार और दो हत्याओं की दोहरी उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा सिरसा के मुखिया गुरमीत राम-रहीम सिंह को 40 दिन की पैरोल पर छुट्टी तो हरियाणा ने दी है लेकिन इसे लेकर तनाव पंजाब में गहरा रहा है।
गुरमीत राम-रहीम सिंह जगह-जगह ऑनलाइन सत्संग कर रहा है। हरियाणा के बाद अब उसने पंजाब में भी ऑनलाइन सत्संग करने शुरू कर दिए हैं। दरपेश हालात के मद्देनजर यह सिख समुदाय के लोगों को चिढ़ाने की कारगुजारी है और फिलवक्त पंजाब और हरियाणा की सरकारें इस पर खामोश हैं। जबकि आने वाले दिनों में हालात और ज्यादा संगीन रुख अख्तियार कर सकते हैं।
पंजाब के जिला बठिंडा में सलाबतपुरा सच्चा सौदा का राज्यस्तरीय मुख्यालय अथवा डेरा है। रविवार को पैरोल पर आए डेरा मुखी ने कई सालों बाद यहां ऑनलाइन सत्संग किया। इसकी सूचना पहले ही सूबे के डेरा अनुयायियों तक पहुंचा दी गई थी और पंथक नेताओं को भी इसकी भनक लग गई। रविवार को डेरा समर्थक और सिख समुदाय में जबरदस्त टकराव हुआ और पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्ष एक-दूसरे से भिड़ गए । नौबत खून-खराबे की भी थी लेकिन फौरी तौर पर टल गई।
सलाबतपुरा तब चर्चा में आया था जब यहां डेरा मुखी गुरमीत राम-रहीम सिंह ने दशम गुरु गोविंद सिंह जैसी पोशाक पहनकर अपने अनुयायियों को अमृतपान कराने का स्वांग रचा था। उस दौर में हुआ विवाद पूरे राज्य में हिंसक रूप अख्तियार कर गया था। तत्कालीन सरकार ने पंजाब के इस डेरे को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया था। लेकिन अब वहां फिर से गतिविधियां होने लगी हैं।
डेरा मुखी और सच्चा सौदा प्रबंधक चाहते हैं कि पंजाब का यह सबसे बड़ा डेरा फिर से पक्के तौर पर खुल जाए। जैसे-जैसे गुरमीत राम-रहीम सिंह को बार-बार पैरोल पर रिहा किया जा रहा है, वैसे-वैसे कथित बंदी जीवन के बावजूद हरियाणा के साथ-साथ पंजाब में भी उसकी गतिविधियों ने जोर पकड़ लिया है।
ऐसा इसलिए भी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव सामने हैं और उसकी अहमियत भाजपा की ‘विशेष कृपा’ से बढ़ रही है। पंजाब के कतिपय नेता भी वोट के लिए डेरा समर्थकों का साथ चाहते हैं। इनमें राज्य की मुख्यधारा की तमाम राजनीतिक पार्टियों के लोग शामिल हैं। हरियाणा में तो खुलकर भाजपा से जुड़े बड़े नेता और कार्यकर्ता डेरा मुखी के ऑनलाइन कार्यक्रमों में सरेआम शिरकत करते पाए जाते हैं।
पंजाब के सलाबतपुरा डेरे के इर्द-गिर्द पूरे इलाके में रविवार को गहन तनाव छाया रहा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुवाई में भारी तादाद में अन्य जिलों की पुलिस भी तैनात रही। बढ़ते तनाव के मद्देनजर सिख समुदाय के कुछ लोगों और चंद डेरा अनुयायियों को हिरासत में लिया गया।
सिख नेता अमरीक सिंह अजनाला ने भारी तादाद में खिलाफत में इकट्ठा हुए सिखों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘’बलात्कार और हत्या जैसे संगीन आरोपों में उम्र कैद काट रहे गुरमीत राम-रहीम सिंह को बार-बार पैरोल दी जा रही है और बंदी सिखों को सजा पूरी करने के बावजूद रिहा नहीं किया जा रहा। सच्चा सौदा डेरा मुखी ने पंजाब में भी खूब गुल खिलाए हैं। जब तक इंसाफ नहीं हो जाता, तब तक किसी मानिंद पंजाब में उसका बहिष्कार जारी रहेगा।‘’
सिख समुदाय के लोगों ने सलाबतपुरा के नजदीकी गांव जलाल में बड़ा धरना लगाया था। हजारों की तादाद में वहां पहुंचे थे। वे डेरा सलाबतपुरा के मुख्य द्वार के सामने धरना-प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन सख्त पुलिस घेराबंदी ने ऐसा नहीं होने दिया। उधर, बेअदबी की घटनाओं के बाद सुर्खियों में आए ‘बहिबल कलां’ गांव में भी मुख्य सड़क पर धरना लगाया गया और उन बसों को खास तौर पर रोका गया जिनमें डेरा प्रेमी सवार होकर सत्संग के लिए जा रहे थे ।
जारी तनाव के बीच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने फिर दोहराया है कि सर्वोच्च सिख संस्था गुरमीत राम-रहीम सिंह की पैरोल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी। उन्होंने कहा कि बंदी सिखों को सजा पूरी होने के बावजूद जेल में सड़ने को मजबूर किया जा रहा है और सजायाफ्ता डेरेदार को बार-बार नए-नए बहाने बनाकर रिहा किया जा रहा है।
पैरोल पर आते ही वह अपनी गतिविधियां पहले की तरह शुरू कर देता है। यह पीड़ितों के साथ-साथ सिखों को भी चिढ़ाने जैसा है। एसजीपीसी प्रधान धामी ने कहा कि सभी जानते हैं कि वह भाजपा का एजेंट है और इसीलिए उसे इतनी रियायत सरकार के इशारे पर बक्शी जा रही है।
(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं पंजाब में रहते हैं)
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