Sunday, April 28, 2024

आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर भागलपुर में संविधान बचाओ-देश बचाओ रैली

भागलपुर। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर कई संगठनों ने ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ के संकल्प के साथ भागलपुर एक रैली का आयोजन किया। रैली में ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ और ‘भाजपा भगाओ-देश बचाओ’ के केन्द्रीय नारे के साथ केन्द्र सरकार द्वारा जातिवार जनगणना कराने, हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट व निजी क्षेत्र सहित तमाम क्षेत्रों में एससी,एसटी व ओबीसी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी देने, तमाम कृषि उत्पादों के लिए लागत के डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी करने, जनवितरण प्रणाली को सर्वव्यापी बनाने की मांग की गई। साथ ही बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी, निजीकरण, महिलाओं व अल्पसंख्यकों के साथ बढ़ती हिंसा, धर्मनिरपेक्षता और संवैधानिक-लोकतांत्रिक अधिकारों पर बढ़ते हमले को बंद करने की मांग की गई।

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार), बिहार फुले-आंबेडकर युवा मंच, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार), संत रविदास महासभा, पीस सेंटर-परिधि, राष्ट्र सेवा दल, बामसेफ, मूलनिवासी संघ, एससी-एसटी कर्मचारी संघ, दलित विकास समिति, सोशलिस्ट युवजन सभा, बहुजन समाज संगठन के साझा बैनर तले आयोजित संविधान बचाओ-देश बचाओ रैली में भागलपुर जिला सहित आस-पास के जिले से भी भागीदारी हुई।

रैली भागलपुर स्टेशन चौक पर डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ शुरु हुआ। शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए तिलकामांझी चौक पर शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सभा के साथ रैली का समापन हुआ।

रैली को संबोधित करते हुए डॉ. विलक्षण बौद्ध ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के परिनिर्वाण के दिन 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के कुकृत्य के जरिए आरएसएस-बीजेपी ने संविधान पर हमला बोला था। डॉ. आंबेडकर के विचारों व सपनों पर हमला बोला था। आज भाजपा-आरएसएस केन्द्र की सत्ता पर काबिज होकर संविधान-लोकतंत्र को ही खत्म करने की दिशा में बढ़ रही है। डॉ. आंबेडकर के वारिस भाजपा-आरएसएस के खतरनाक मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे। संविधान-लोकतंत्र बचाने के लिए अंतिम दम लड़ेंगे, जीतेंगे!

सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम और रामानंद पासवान ने कहा कि संविधान व लोकतंत्र बचाने के लिए 2024 में भाजपा और उसके सहयोगियों को केन्द्र की सत्ता से बेदखल करना ही होगा। आज की रैली के जरिए ‘अब और नहीं मोदी सरकार’ की बुलंद एकजुट हुंकार को गांव-गांव से बुलंद करना है। समाज से भाजपा-आरएसएस को खदेड़ना है।

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव और परिधि के उदय ने कहा कि बढ़ती महंगाई-बेरोजगारी से अवाम त्रस्त है। मजदूरों-किसानों की बदहाली बढ़ रही है। वैश्विक भूख सूचकांक में भारत नीचे जा रहा है। लेकिन अंबानी-अडानी की तिजोरी उफन रही है। मोदी सरकार विकास का दावा करते हुए अंबानी-अडानी से यारी निभा रही है और देश बेच रही है।

बिहार फुले-आंबेडकर युवा मंच के अखिलेश रमण, नसीब रविदास और डॉ. अमित ने कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने और सम्मान, हिस्सेदारी व बराबरी हासिल करने के लिए संविधान व लोकतंत्र की जरूरत है। इन तबकों को संविधान व लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होकर 2024 में मोदी सरकार को हटाना है।

बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) सोनम राव, प्रवीण कुमार यादव, गौरव पासवान, अभिषेक आनंद और अनीश कुमार आनंद ने कहा कि मोदी सरकार छात्र-नौजवानों की दुश्मन है। बेरोजगारी बढ़ रही है। केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में लाखों पद रिक्त हैं।निजीकरण से रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं। संपूर्ण सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति-2020 को थोप दिया है।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित)

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