माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के कर्ज के मकड़जाल में फंसकर बांका में पूरे परिवार ने खाया जहर

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पटना। भाकपा- माले राज्य सचिव कुणाल ने बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के शोभानपुर पंचायत के बलुआ गांव में जहर खाने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की घटना के लिए माइक्रोफाइनेंस कंपनी को जिम्मेवार ठहराया है जिसने ग्रामीण गरीबों को आर्थिक शोषण के जाल में पूरी तरह उलझा दिया है। भाकपा-माले मृतक परिजनों को उचित मुआवजा, बीमारों के इलाज, बच्चों के भरण पोषण की व्यवस्था, माइक्रोफाइनेंस कंपनी पर हत्या का मुकदमा, राज्य के सभी ग्रुपों की कर्ज माफी और बिना सूद का ऋण दिए जाने की मांग करती है।

भाकपा-माले जांच टीम की रिपोर्ट:

बांका जिला के अमरपुर थाना क्षेत्र के शोभानपुर पंचायत के बलुआ गांव में 15 नवंबर 2024 रोज शुक्रवार की देर रात कर्ज की मकड़जाल में फंसे एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहर खा लिया जिसमें परिवार का मुखिया कन्हैयालाल महतो, उनकी पत्नी गीता देवी (35 वर्ष) और एक पुत्र धीरज कुमार (12 वर्ष) की मौत हो गई। एक पुत्री सरिता कुमारी (16 वर्ष) और एक पुत्र राकेश कुमार (8 वर्ष) भागलपुर जेएलएनएमसीएच के आईसीयू में गम्भीर हालत में भर्ती हैं तथा दोनों का इलाज चल रहा है।

घटना की जांच के लिए भाकपा माले की एक जांच टीम 17 नवंबर 2024 रोज रविवार को बलुआ गांव पहुंची जिसमे बांका जिला पार्टी लीडिंग टीम के काॅ. वीरवल राय, काॅ. रीता देवी और काॅ. रणबीर कुशवाहा शामिल थे। जांच टीम ने मृतक के परिजन और ग्रामीणों से मिलकर बातचीत किया और घटनाक्रम की पूरी जानकारी ली।

ग्रामीणों ने बताया कि मृतक कन्हैयालाल महतो ने कई फाइनेंस कम्पनियों से लोन लिया था, जिसका किश्त प्रत्येक सप्ताह देना पड़ता था। आर्थिक तंगी के कारण बच्चों की पढ़ाई भी बंद करवा दी थी। किस्त देने के लिए पहले अपनी गाय बेच दी। इसके बाद ई-रिक्शा भी बेच दिया। अभी वह ऑटो चलाता था। फाइनेंस कम्पनियों के बाहुवलियों द्वारा जब किस्त जमा करने का दबाव बढ़ता गया तब उसने शुक्रवार की रात खतरनाक निर्णय लेते हुए जहर (सल्फास) खा लिया और परिवार के सभी सदस्यों को जहर खिला दिया।

ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने बताया कि घटना के दिन अपनी पत्नी गीता देवी के साथ लोन देने वाली कमिटी के मीटिंग में गया अमरपुर बाजार, लौटने में खरीदा सल्फास और रात में पूरे परिवार ने खा लिया। लगता है मीटिंग के दौरान कन्हैया पर पैसा जमा करने का दबाव व धमकी, मानसिक प्रताड़ना-यातना ने उसे ऐसा खतरनाक फैसला लेने को मजबूर कर दिया।

मृतक के बड़े भाई श्याम महतो ने बताया कि कर्ज में रहने और आर्थिक तंगी के कारण सल्फास की गोली लगभग दो बजे रात में खा लिया था। मृतक की मां ने बताया कि अब बेटा के बिना कैसे जीवन-यापन करेंगे, जब कि मेरा पति भी 10 वर्षों से लापता है।

ग्रामीण सिन्धु देवी ने बताया कि मृतक ने कई कम्पनियों से ग्रुप लोन लिया था जिसे चुकता करने में असमर्थ था। ग्रामीण राहुल कुशवाहा व अन्य ने कहा कि गरीबों और खासकर महिलाओं को कई कम्पनियों द्वारा लुभावना बात करके ग्रुप लोन देकर उन्हें कर्ज के मकड़जाल में फंसाया जाता है और फिर प्रताड़ित किया जाता है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए जिससे इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं हो।

इस क्षेत्र में बंधन, आरबीएल, बीएसएल, एसीएफएल, बीएसएस आदि फाइनेंस कम्पनियां गरीब ग्रामीणों और खासकर महिलाओं को ग्रुप लोन देने का काम करती है। अमरपुर बाजार में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनारा बैंक, ग्रामीण बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक की शाखाएं है और घटनास्थल के इर्द-गिर्द डोमो-कुमारपुर में सेन्ट्रल बैंक और इंग्लिश मोड़ में युको बैंक की शाखा है। लेकिन ग्रामीणों को इन बैंको से जटिल प्रक्रिया के चलते आसानी से ऋण नहीं मिल पाता है। केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार ने अनेक फाइनेंस कम्पनियों को भोले भाले गरीबों को लुटने की खुली छूट दे रखी है, जिसमे कई तो गुंडा बैंक की तरह है।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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