Saturday, April 1, 2023

नहीं रहे विस्थापन विरोधी जंग के योद्धा त्रिदिब घोष

रूपेश कुमार सिंह
Follow us:

ज़रूर पढ़े

विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के संस्थापक नेता और वर्त्तमान में विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के केंद्रीय संयोजक कामरेड त्रिदिब घोष ने आज शाम 4:30 बजे 82 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से विदा ले ली। वो पिछले कुछ दिनों से कोरोना से पीड़ित थे और मां राम प्यारी अस्पताल बरियातू (रांची) में अपना इलाज करा रहे थे।

2007 में जब पूरे देश के स्तर पर ‘विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन’ नामक फ्रंट का गठन हुआ था, तो कॉ. त्रिदिब घोष इस संगठन के संस्थापक नेताओं में से एक थे। 2016 में विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के केन्द्रीय संयोजक कॉ. केएन पंडित की अचानक हुई मृत्यु के बाद उन्हें केंद्रीय संयोजक का भार सौंपा गया, जिसे ये अधिक उम्र के हो जाने के बाद भी बखूबी निभा रहे थे।

कॉ. घोष झारखंड के शोषित-पीड़ित जनता की आवाज थे और आदिवासियों पर हो रहे राजकीय दमन के खिलाफ हमेशा खड़े रहे, जिस कारण उन्हें कई फर्जी मुकदमों में भी फंसाया गया था। इनके संगठन ‘विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन’ को भाकपा (माओवादी) का मुखौटा संगठन कहकर भी केंद्र और झारखंड सरकार ने इन्हें दबाना चाहा, लेकिन ताउम्र कॉ. त्रिदिब घोष शोषण पर टिकी इस व्यवस्था के खिलाफ एक शोषणविहीन समाज की स्थापना के लिए संघर्ष करते रहे।

आज के इस फासीवादी शासन में जब उनकी सख्त जरूरत थी, तभी उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। झारखंड और देश की लड़ाकू जनता इनकी कमी को हमेशा महसूस करेगी।

भाकपा-माले झारखंड राज्य कमेटी की जारी बैठक में त्रिदिव घोष को श्रद्धांजलि दी गई। उनकी मृत्यु के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भाकपा-माले राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि कामरेड त्रिदिव घोष की मृत्यु लोकतांत्रिक आंदोलन की अपूर्णीय क्षति है। वे आईपीएफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुआ करते थे। वे जीवन पर्यंत मानवाधिकार के लिए संघर्ष करते रहे। उनकी मृत्यु पर भाकपा-माले शोकाकुल है। वह उनके परिवार के दुःख में शामिल हैं। राज्य कमेटी की बैठक में त्रिदिव घोष को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

(झारखंड से स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

पीएम मोदी की डिग्री मांगने पर केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना

गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें विश्वविद्यालय को पीएम...

सम्बंधित ख़बरें