Wednesday, March 29, 2023

बस्तर में बदहाल स्वास्थ्य सुविधा: गर्भवती महिला को खाट पर लेकर अस्पताल पहुंचे ग्रामीण

तामेश्वर सिन्हा
Follow us:

ज़रूर पढ़े

बस्तर। बस्तर मे स्वास्थ सुविधाओं का अभाव होने से ग्रामीणों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, यह बानगी बस्तर जिले के बुरगुम इलाके में देखने को मिली, जहां गांव तक पहुचने के लिए सड़क नहीं होने की वजह से एक गर्भवती महिला को खाट पर स्वास्थ केंद्र तक पहुंचाया गया। गर्भवती महिला प्रमिला को उनके परिजन और गांव के ग्रामीणों ने लगभग 4 किलोमीटर तक खाट में लेकर मुख्य मार्ग तक पहुंचे, जिसके बाद वाहन से महिला को किलेपाल अस्तपाल पहुंचाया गया। इस क्षेत्र के ग्रामीणों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, यह एक उदाहरण है।

बुरगुम पंचायत के सरपंच जिलाराम मंडावी का कहना है कि गांव में संपर्क मार्ग नहीं होने से यहां तक सरकार की कोई स्वास्थ सुविधा नहीं पहुंच पाती और ना ही इमरजेंसी सेवा में एंबुलेंस पहुंच पाती है। आपातकालीन स्थिति में भी ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है, जिसके चलते हर दिन ग्रामीणों को इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद भी उनके गांव तक संपर्क मार्ग नहीं बन पाई है, जिस वजह से साल के 12 महीने गांव में बीमार पड़ने वाले लोगों को और खासकर गर्भवती महिलाओं को इसी तरह खाट में लेटाकर 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक पहुचाया जाता है, और इस दौरान बीमार ग्रामीणों को तुंरत ईलाज नहीं मिलने के चलते उनकी मौत भी हो जाती है।

हालांकि, अच्छी बात यह रही कि महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन आए दिन इस तरह की तस्वीर निकलकर सामने आने के बावजूद भी सरकार इन गांवो तक मूलभूत सुविधा पहुंचा पाने में नाकाम साबित हो रही है, और केवल कागजों में ही विकास का दावा किया जा रहा है।

इलाज के अभाव में कई ग्रामीणों ने तोड़ा दम

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के अंदरूनी गांव में ग्रामीणों को स्वास्थ सुविधा पाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, हर बार स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन के आला अधिकारियों की तरफ से उनके गांव तक मूलभूत सुविधा पहुंचाने का दावा और चुनावी वादा तो किया जाता है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी सबसे जरूरी स्वास्थ सुविधा के लिए ग्रामीण जूझने को मजबूर है, और कई ग्रामीणों की इलाज के अभाव में मौत भी हो रही है।

गर्भवती महिला को खाट में लेटाकर परिजन और ग्रामीण संपर्क मार्ग नहीं होने की वजह से लगभग 4 किमी पैदल चल मुख्य मार्ग तक पहुंचे, सरपंच ने कहा कि बरसात के मौसम में हालात और बिगड़ जाती है और ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांव तक संपर्क मार्ग नहीं होने की वजह से एंबुलेंस भी नहीं आती है, जिसके चलते बीमार और गर्भवती महिलाओं को इसी तरह खाट में लेटाकर मुख्य मार्ग तक जिसके बाद गाड़ी से स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जाता है।

आपातकालीन सेवा का लाभ तो ग्रामीणों को मिल ही नहीं पाता है, सरपंच ने बताया कि गांव में मूलभूत सुविधा और खासकर पहुंच मार्ग के लिए कई बार क्षेत्र के विधायक और जनपद सीईओ के साथ ही कलेक्टर को भी पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक उनके गांव में सड़क निर्माण का कार्य नहीं हुआ है।

नक्सल क्षेत्र का बहाना

नक्सल क्षेत्र होने का बहाना बनाकर प्रशासन की टीम यहां आती ही नहीं, बल्कि उनके इलाके में किसी तरह की कोई नक्सली समस्या नहीं है। सरपंच कहते हैं कि किन हालातों में बीमार ग्रामीणों और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाना पड़ता है इसका वीडियो बनाकर गांव तक सड़क बनाने बनाने की मांग की है। हालांकि इस मामले में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, प्रशासन के अधिकारी और स्थानीय जन-प्रतिनिधि भी ग्रामीणों के हालात से वाकिफ हैं लेकिन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।

(तामेश्वर सिन्हा जनचौक के संवाददाता हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों का कोल्हान आदिवासियों के खिलाफ बर्बर युद्ध अभियान

रांची। झारखंड का कोल्हान वन क्षेत्र में इन दिनों युद्ध सा माहौल बना हुआ है। खासकर 1 दिसम्बर 2022...

सम्बंधित ख़बरें