केरल की कंपनी ने रद्द की इजराइल पुलिस को वर्दी की आपूर्ति, गाजा पर हमले को लेकर उठाया कदम

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नई दिल्ली। केरल में एक कपड़ा बनाने वाली कंपनी ने इजराइली सेना को वर्दी की आपूर्ति से इनकार कर दिया है। कंपनी वर्ष 2015 से इजराइली सेना के लिए वर्दी बना रही थी। लेकिन अब कंपनी ने गाजा पर चल रहे इजराइली हमले के कारण नये ऑर्डर रद्द कर दिये हैं।

कंपनी उत्तरी केरल के कन्नूर में स्थित है जिसका नाम मैरीन अपैरल प्राइवेट लिमिटेड है। कंपनी में लगभग 1,500 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से 95 प्रतिशत महिलाएं हैं। कंपनी फिलीपींस, कतर, कुवैत और कुछ अन्य देशों की सेनाओं के लिए भी वर्दी बनाती है और वर्दी की नियमित आपूर्ति भी करती है।

कंपनी ने फैसला किया है कि जब तक गाजा पर हमला जारी रहेगा तब तक वह इजराइल से कोई भी नया ऑर्डर नहीं लेगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक थॉमस ओलिकल ने एक टीवी चैनल को बताया, “हमें दो या तीन दिन पहले (इजराइल से) एक संदेश मिला था जिसमें हमें अतिरिक्त मात्रा में वर्दी की आपूर्ति के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया था।” उन्होंने कहा कि “दोनों पक्ष (इजराइल और फिलिस्तीन) एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। हालांकि हमने मौजूदा ऑर्डर को पूरा करने का फैसला किया है, लेकिन हम इजरायली सेना से कोई नया ऑर्डर नहीं लेंगे।

उन्होंने कहा कि कंपनी को ऑर्डर खोने की चिंता नहीं है। ओलिकल ने कहा कि  “वे जो भी फैसला लेंगे, हमें मंजूर है। हमारा विचार है कि हमें ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जो हमारे विवेक के अनुरूप न हो।”

उन्होंने कहा कि कंपनी आम तौर पर सैन्य वर्दी के ऑर्डर को पूरी तरह से बिजनेस के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि “वर्दी बनाने वाली कंपनी के रूप में, हम किसी को भी आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं। हम फिलिस्तीनियों या इजराइल को आपूर्ति कर सकते हैं, यह हमारा व्यवसाय है।”

ओलिकल ने कहा कि “हमारी एकमात्र आपत्ति गाजा पर हमले को लेकर है। इजराइली अच्छे लोग हैं और उनसे निपटना बहुत आसान है, और वे भुगतान के मामले में बहुत तत्पर हैं। एक मात्र बात यह है कि वे गुणवत्ता से समझौता नहीं करते हैं।”

केरल के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने कंपनी के रुख की सराहना की है। उन्होंने गुरुवार 19 अक्टूबर को अपने फेसबुक पेज पर एक बयान जारी करते हुए लिखा कि “अस्पतालों और निर्दोषों पर हमले के तरीके से असहमति के कारण मैरीन अपैरल ने शांति बहाल होने तक इजराइली सेना को और वर्दी की आपूर्ति नहीं करने का फैसला किया है।”

केरल का यहूदी धर्म से पुराना नाता रहा है। ऐसा माना जाता है कि राजा सोलोमन के शासनकाल (960 ईसा पूर्व से 922 ईसा पूर्व) के दौरान यहूदी व्यापारी जहाजों पर इस क्षेत्र में आए थे।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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