गंगा किनारे एक करोड़ दीयों में इतना प्रकाश नहीं कि भटके पथिक को रास्ता दिखा दें परंतु गांव की झोपड़ी का दीया भटकों को रात गुजारने की आस देता है।
भारत की जीडीपी का दीया एमएसएमई है। कुल चार करोड़...
बिहार चुनाव में बीजेपी को नफ़रत और डर का ही सहारा है। यही कारण है कि भाजपा के नेता लगतार तमाम चुनावी मंचों पर जा जाकर बिहार की जनता को डरा रहे हैं। कभ उग्र वामपंथ के नाम...
बिहार का चुनाव भूख, गरीबी, शिक्षा, इलाज, बाढ़, कोरोना या फिर लॉकडाउन में बिहारी मजदूरों के रिवर्स पलायन पर नहीं लड़ा जाएगा। यह चुनाव सिर्फ़ सुशांत सिंह राजपूत की लाश पर राजनीति करके लड़ा जाएगा। बिहार की चुनावी रणनीति...
भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने देश को कई शानदार कलाकार, गीतकार और निर्देशक दिए। शैलेंद्र भी ऐसे ही एक गीतकार हैं, जिनकी पैदाइश इप्टा से हुई। इप्टा ने उन्हें नाम-शोहरत दी और इसके जरिए ही वे फिल्मी दुनिया...
पटना। औरंगाबाद में दलित और गरीबों की बस्ती पर सामंती अपराधियों के जानलेवा हमले के खिलाफ भाकपा माले ने पूरे बिहार में विरोध-प्रदर्शन किया। इसी महीने 21 अगस्त को औरंगाबाद के दाउदनगर के अंछा में राजपूत जाति के सामंती...
एक तिहाई आबादी सदा पाखंड यात्राओं और पाखंड के अड्डों पर भटकती रही। लाख समझाओ मगर बुद्धिहीनों की भीड़ कहां समझने वाली है। हर प्राकृतिक आपदा के समय लुटेरे मुनाफाखोरी, कालाबाजारी पर उतर जाते हैं और धर्मखोर हालात सुधरने...