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संस्कृति-समाज

फ़ैज़ की जयंतीः ‘अब टूट गिरेंगी ज़ंजीरें, अब जिंदानों की खैर नहीं’

उर्दू अदब में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का मुकाम एक अजीमतर शायर के तौर पर है। वे न सिर्फ उर्दू भाषियों के पसंदीदा शायर हैं, बल्कि [more…]

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संस्कृति-समाज

पुण्यतिथिः वामिक जौनपुरी की नज्म ‘भूका है बंगाल’ सुनकर देश भर ने भेजी थी मदद

वामिक जौनपुरी का शुमार उन शायरों में होता है, जिनकी वाबस्तगी तरक्कीपसंद तहरीक से रही। उन्होंने अपने कलाम से सरमायेदारी और साम्राज्यवाद दोनों पर एक [more…]

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संस्कृति-समाज

मजाज़ः आंसू पोंछकर आंचल को परचम बनाने की बात करने वाला शायर

असरार उल हक ‘मजाज़’ उर्दू  साहित्य के उन महत्वपूर्ण शायरों में से एक हैं, जिनकी नज़्मों में इश्क़ो-मुहब्बत तो था ही साथ ही उनमें बगावती [more…]