राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का एक बहु प्रचलित डॉयलॉग है- आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और कोई हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। पिछले आम चुनाव के दौरान यह डॉयलॉग प्रधानमंत्री...
यह सच है कि मोहन भागवत के विजया दशमी के कर्मकांडी भाषण का संघ के एक पूर्व कट्टरतावादी प्रचारक की सरकार के काल में भी कोई विशेष सांस्थानिक मायने नहीं है। यह किसी पिटे हुए मोहरे की जोर आजमाइश...
अयोध्या में पांच अगस्त को राम जन्मभूमि पूजन का कार्यक्रम बिना किसी राजनीतिक विरोध के संपन्न हो गया और भारत का लोकतंत्र, जो पिछले छह सालों से लड़खड़ा कर चल रहा था, थक कर बैठ गया। हिंदू राष्ट्र...