Thursday, April 25, 2024

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नए लोकतांत्रिक ढांचे के लिए नई सोच की जरूरत- कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में बोले राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में "आर्ट ऑफ लिसनिंग" पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के...

हिंडनबर्ग के खिलाफ़ कमर कस रहा अडानी ग्रुप, हायर की टॉप लॉ फर्म

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई अब समूह कोर्ट की लड़ाई के ज़रिए करने का मन बना रहा है। इसी के मद्देनज़र अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के खिलाफ़ मजबूत कानूनी...

क्या यह अमेरिका का आतंकवाद नहीं है?

शेमूर हर्श 85 साल के हो चुके हैं, लेकिन अमेरिकी साम्राज्यवाद के अपराधों को बेनकाब करने का उनका जज्बा बदस्तूर बना हुआ है। अब उन्होंने अमेरिका के एक ऐसे कार्य को बेनकाब किया है, जिसे ‘आतंकवाद’ की परिभाषा के...

युद्ध अपने आप में होता है मानव विरोधी

रूस-यूक्रेन युद्ध के दो पक्ष सुनने को मिल रहे हैं। एक तो रूस को आक्रांता मान कर तुरंत उससे युद्ध रोकने को कह रहा है। दूसरा अमेरिका की विदेश नीति को इस युद्ध का कारण मानता है। 1991 में...

यूक्रेन को युद्ध की आग में झोंकने लिए अमेरिका है जिम्मेदार

यूक्रेन पर रूस के भयानक हमले की कई व्याख्याएं हैं। इनमें से एक व्याख्या एक पुरानी कविता में ढूंढ़ी जा सकती है। अल्फ्रेड टेनिसन की यह कविता ‘चार्ज ऑफ़ द लाइट ब्रिगेड’ हमने स्कूल में पढ़ी थी। इस कविता...

रूस-यूक्रेन युद्ध: क्यों कारगर नहीं होते नागरिक प्रतिरोध?

24 फरवरी 2022 को रूस के यूक्रेन पर हमले के साथ विभिन्न देशों की सरकारों, संयुक्त राष्ट्र समेत सभी वैश्विक संस्थाओं, दूतावासों, मीडिया, विषय-विशेषज्ञों आदि की सक्रियता रूस-यूक्रेन युद्ध पर केंद्रित हो गई है। दूसरे महायुद्ध के बाद यूरोपीय...

पुतिन ने परदा गिरा दिया है

युद्ध समस्या का समाधान नहीं है। इसीलिए कहा जा सकता है कि हमेशा इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही चुना जाना चाहिए। अतः यूक्रेन पर रूस के हमले के सिलसिले में रुख तय करते हुए यही प्रश्न निर्णायक...

यूक्रेन समस्या: कौन दोषी रूस या अमेरिका एवं उसके पिछलग्गू देश?

प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका के चलते करोड़ों निरपराध लोग मारे गए, और करोड़ों बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को अपना बाकी का जीवन बेहद गरीबी, भुखमरी एवं अभाव में जीने को अभिशप्त होना पड़ा था। इन दो...

हिंदुत्व की गिरफ्त में फंसे भारत से क्या उम्मीद करें अफगान ?

अफगानिस्तान के लोग वास्तविक संकट से जूझ रहे हैं। अमेरिका और नाटो देशों ने उनके भविष्य को तालिबान के हाथों में सौंप कर उनके सपने नष्ट कर दिए हैं और उन्हें तब तक खबर नहीं होने दी जब तक...

उनके तालिबान तालिबान हमारे वाले संत !

अपने 20 साल के नाजायज और सर्वनाशी कब्जे के दौरान अफ़ग़ानिस्तान से लोकतान्त्रिक संगठनों, आंदोलनों और समझदार व्यक्तियों का पूरी तरह सफाया करने के बाद अमरीकी उसे तालिबानों के लिए हमवार बनाकर, उन्हें इस खुले जेलखाने की चाबी थमाकर...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...