पंजाबी का कोई अन्य लेखक/साहित्यकार हिंदी पट्टी में इतना मक़बूल नहीं है जितना पाश। बल्कि यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं…
सचमुच में गांव वाले मशालें लेकर उतर पड़े हैं: बल्ली सिंह चीमा
जनकवि बल्ली सिंह चीमा किसान आंदोलन की शुरुआत से ही इसमें शामिल हैं और अपने जनगीतों से इसकी धार और…