अंधविश्वास के खिलाफ सतत बहुआयामी अभियान वक्त की जरूरत

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए कुएं में फेंक दिया…

यूपी पंचायत चुनाव: नहीं मिली महिलाओं को स्वतंत्र जमीन

कल 14 अप्रैल को भारत एक कृतज्ञ राष्ट्र के तौर पर अपने संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव आम्बेडकर को उनकी…

क्या मौजूदा दौर दलित राजनीति का स्वर्णिम युग है?

हाल में एक साक्षात्कार में चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने कहा है कि वर्तमान दलित राजनीति का स्वर्णिम काल है।…

प्रवासी श्रमिकों का बहुलांश दलित एवं पिछड़ी जातियां हैं

(इंडियन एक्सप्रेस में 9 जून को प्रकाशित सर्वे के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी आपदा के बाद अपने घरों को पलायन…

वंचितों के लिए अपनी जिंदगी लगा देने वाले वीपी सिंह राम मंदिर और गोरक्षा जैसे मुद्दों के दौर में फिर हो गए हैं प्रासंगिक

बात 18 दिसम्बर 1990 की है। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी) की सरकार गिर गई थी।…

अति पिछड़ों के लिए अलग आरक्षण कोटा ही है लाभप्रद और संवैधानिक समाधान

इधर कई दिनों से अखबार की सुर्खियों में खबर बन रही है कि प्रदेश सरकार ने उ0 प्र0 की कहार,…