बेंगलुरु में विपक्षी दलों का जुटान ऐतिहासिक है, तो इसके समांतर एनडीए की प्रतिस्पर्धात्मक बैठक विपक्षी एकजुटता के मारक प्रभाव…
जनतंत्र और फासीवाद दोनों के लिए जीवन-मृत्यु का प्रश्न है 2024 का चुनाव
विपक्ष की बंगलुरू बैठक की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीति की यह मूलभूत समझ है कि भारत में फासीवाद के उग्रतम…
कर्नाटक: जीडीपी में अव्वल, लेकिन सामाजिक शैक्षिणक विकास में दक्षिण में सबसे फिसड्डी क्यों?
हाल के वर्षों में आईटी और स्टार्टअप के क्षेत्र में ही सबसे अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है, और…
ढह गया गांधीवाद का सबसे मजबूत स्तंभ, नहीं रहे सुब्बाराव
प्रख्यात गांधीवादी विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता एसएन सुब्बाराव का आज निधन हो गया। वे उन बिरले गांधीवादियों में से थे,…
ब्राह्मणवाद का विरोध करने पर कन्नड़ अभिनेता से 4 घंटे पुलिस पूछताछ
कन्नड़ अभिनेता और एक्टिविस्ट चेतन कुमार से आज शुक्रवार को बेंगलुरू पुलिस ने लगभग 4 घंटे तक पूछताछ किया है।…
बेंगलुरू हिंसा: सभ्य समाज में नहीं है धार्मिक कट्टरता का कोई स्थान
धर्मान्धता न केवल उस व्यक्ति और समाज की उनके धर्म के प्रति समझ को बताती है बल्कि वह व्यक्ति की…
मृत्यु के बाद भी है गरिमा और न्यायपूर्ण व्यवहार का अधिकार
महामारी के समय सरकार और समाज दोनों से ही संवेदनशीलता की अपेक्षा की जाती है। खास तौर से जो इस…