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बीच बहस

राम मंदिर पर मोहन भागवत के बयान के मायने

मोहन भागवत जी, आपके लिए रामंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस (22 जनवरी) सच्ची स्वतंत्रता का दिवस होगा, हमारे लिए यह ब्राह्मणवाद के विजय, धर्मनिपेक्षता के अंत [more…]

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बीच बहस

डॉ. आंबेडकर का स्वतंत्रता संग्राम साम्राज्यवाद, ब्राह्मणवाद और पूंजीवाद तीनों के खिलाफ था

इतिहासकार गेल ओमवेट ने लिखा है कि “आंबेडकर का बुनियादी संघर्ष एक अलग स्वतंत्रता का संघर्ष था। यह संघर्ष भारत के सर्वाधिक संतप्त वर्ग की [more…]

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राजनीति

हिन्दी सिनेमा में ब्राह्मणवाद और दलित मुक्ति के संदर्भ

भारत में सिनेमा का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना है। यह न केवल महंगा माध्यम है, बल्कि तकनीकी माध्यम भी है,जिसके लिए तकनीकी जानकारों [more…]

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बीच बहस

दलित स्त्री-3: स्त्रीवाद और दलित स्त्री/भ्रामक अवधारणा बनाम वास्तविक संघर्ष

1841 में भारत के वर्तमान महाराष्ट्र प्रांत में एक महार दलित परिवार में पैदा हुई मुक्ता साल्वे, जो जोतिबा फुले और सावित्री बाई फुले द्वारा [more…]

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संस्कृति-समाज

नये चिंतन, विचार और ज्ञान की सर्जक थीं सावित्री बाई फुले

सावित्रीबाई फुले का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वह महान शिक्षिका, बहुजनों और महिलाओं की मुक्ति के लिए संघर्ष करने वाली अद्वितीय नायिका और आधुनिक युग की [more…]

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बीच बहस

बौद्ध श्रमण चिन्तन परम्परा के चिन्तक प्रो. तुलसीराम

बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक ‘क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति’ में लिखा है कि भारतीय इतिहास दो संस्कृतियों के बीच संघर्ष का इतिहास है। ये [more…]

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बीच बहस

क्या लाइलाज है इस देश में जातिवाद की बीमारी?

इस देश में आज से 70 साल पहले लागू किए गए संविधान, जिसको 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था और भारतीय राष्ट्रराज्य उसी [more…]

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बीच बहस

बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष: बुद्ध धम्म और भारत में प्रतिरोध की बहुजन-श्रमण प्रगतिशील परंपरा

मार्क्स ने कहा था “अब तक विद्यमान सभी समाजों का लिखित इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है।” यह वर्ग-संघर्ष विचारों के संघर्ष के रूप में [more…]

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ज़रूरी ख़बर

फुले की ‘गुलामगिरी’: ब्राह्मणवाद से मुक्ति के पहले घोषणापत्र का एक परिचय

(वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट प्रोफेसर दिलीप मंडल ने वसंत पंचमी (सरस्वती पूजन) के दिन डॉ. आंबेडकर के पहले गुरु ज्योतिराव फुले की सबसे प्रमुख कृति [more…]

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ज़रूरी ख़बर

‘मनुस्मृति दहन दिवस’ पर मनुविधान समेत किसान कानूनों की जलाई गई होली

25 दिसंबर को ‘मनुस्मृति दहन दिवस’ पर देश के कई राज्यों सहित बिहार-यूपी में बहुजन संगठनों ने मनुस्मृति के साथ मनुवादी-पूंजीवादी गुलामी थोपने के कानूनों-प्रावधानों-नीतियों [more…]