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बीच बहस

भारतीय सिनेमा और दलित पहचान : फैंड्री ने खोला फिल्मों का नया फ़लक

(ऐतिहासिक तौर पर भारतीय सिनेमा ने जहाँ फ़िल्मों के निर्माण में दलितों के श्रम का शोषण किया है वहीं उनकी कहानियों को मिटाया और हड़पा [more…]

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संस्कृति-समाज

‘द लिस्ट : मीडिया ब्लडबाथ इन कोविड टाइम्स’ यानी पत्रकारों पर कोरोना कहर की जिंदा दास्तान

ऐसा माना जाता है कि पत्रकारिता एवं फिल्में समाज का आईना होती हैं। समाज में जो कुछ हो रहा होता है उसे मुकम्मल तौर पर [more…]

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बीच बहस

भारतीय सिनेमा के एक स्तंभ का जाना

माणिक दा यानी सत्यजित राय के चहेते अभिनेता सौमित्र चटर्जी 15 नवंबर को दोपहर 12 बज कर 15 मिनट पर विदा हो गए। सौमित्र चटर्जी [more…]

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ज़रूरी ख़बर

हबीब तनवीर की पुण्यतिथि पर विशेष: सबसे हबीब

भारतीय रंगमंच की कोई भी चर्चा हबीब तनवीर के बिना अधूरी ही रहेगी, हबीब तनवीर पर चर्चा का मतलब रंगमंच की कई शैलियों, अभिव्यक्तियों, अस्मिताओं [more…]

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संस्कृति-समाज

पुण्यतिथि पर विशेष: नौशाद, जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और मौजूद थी जिंदगी की शक्ल

नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। अपने नाम के ही मुताबिक नौशाद [more…]

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ज़रूरी ख़बर

बलराज साहनी: सिनेमा-संस्कृति और लोकाचार के अमिट हस्ताक्षर

बलराज साहनी होना या बनना सबके बूते की बात नहीं और शायद इसीलिए उन  सरीखी शख्सियत जिसे दुनिया कहते हैं, एक ही हुई! जिसका जन्म [more…]