Friday, April 19, 2024

communalism

मूर्खों के स्वर्ग से बाहर निकलिये हुजूर और थोड़े शरमाइये!

निस्संदेह, यह ऐसा समय है जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को शर्म महसूस करनी चाहिए कि प्रदेश में रामराज्य ला देने के उसके दावे एक के बाद एक हवा में उड़ते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...

त्रिपुरा सांप्रदायिक हमले को कवर करने जा रही दो महिला पत्रकारों को असम पुलिस ने किया डिटेन

सांप्रदायिक हमला मामले की ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिये त्रिपुरा जा रही दो महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को असम पुलिस ने उनके होटल से डिटेन कर लिया है। यह गिरफ्तारी करीमगंज स्थित नीलम बाजार पुलिस स्टेशन से की...

जिन्ना पर अखिलेश: समकालीन राजनीति पर सांप्रदायिकता की छाया

हमारे देश में जैसे-जैसे साम्प्रदायिकता का बोलबाला बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे राजनैतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सांप्रदायिक प्रतीकों और नायकों के इस्तेमाल का चलन भी बढ़ रहा है। अपने-अपने राजनैतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए विभिन्न...

हो गया दूर जो साहिल तो खुदा याद आया!

उर्दू के शायर सदा नेवतनवी साहब का शेर है कि ;"अब है तूफ़ान मुक़ाबिल तो ख़ुदा याद आयाहो गया दूर जो साहिल तो खुदा याद आया !!" इन दिनों यह शेर पूरी तरह यदि किसी पर लागू होता है तो...

त्रिपुरा: राज्य प्रायोजित हिंसा ने समाज को गहरे तक कर दिया है विभाजित

हमारे देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बहुत आम हो गई है। जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री पोप से गले मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में ईसाईयों के खिलाफ हिंसा की छोटी-छोटी घटनाएं हो रहीं हैं। एक...

जन्मदिन पर विशेष: गांधी ने चाही थी गणेश शंकर जैसी मौत

25 मार्च, 1931 को कानपुर में एक अत्यंत दुःखद घटना हुयी थी। एक साम्प्रदायिक उन्माद से भरी भीड़ ने गणेश शंकर विद्यार्थी की हत्या कर दी थी। विद्यार्थी जी हिंदी पत्रकारिता के शलाका पुरुष रहे हैं। वे न केवल...

अब तो चेतिये हुजूर! जम्मू-कश्मीर आपके साम्प्रदायिक एजेंडे की कीमत चुकाने लगा

शुक्र है कि देर से ही सही, जम्मू कश्मीर में नागरिकों की लक्षित हत्याओं को लेकर केन्द्र सरकार की नींद टूटी और गृहमंत्री अमित शाह ने हालात की उच्चस्तरीय समीक्षा के बाद केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल व नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग...

भारत में ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिसका असर बांग्लादेश पर पड़े और नुकसान हिंदू समुदाय को पहुंचे: शेख हसीना

"भारत में भी ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिसका असर बांग्लादेश पर हो और वहां के हिंदू समुदाय को नुकसान पहुंचे।" - उपरोक्त बात बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत की दक्षिणपंथी सरकार को नसीहत देते हुये कही...

देशद्रोह कानून खत्म हो, ताकि खुलकर सांस ले सकें नागरिक:जस्टिस नरीमन

उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त जस्टिस नरीमन ने कहा कि सरकारें आएंगी और जाएंगी। अदालत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करे। अपनी शक्ति और अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए धारा 124 ए और यूएपीए...

भीड़ का भय: 1984 पर भारी है मौजूदा दौर

मेरा नाम मुसलमानों जैसा हैमुझ को कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो ।मेरे उस कमरे को लूटोजिस में मेरी बयाज़ें जाग रही हैंऔर मैं जिस में तुलसी की रामायण से सरगोशी कर केकालिदास के मेघदूत से...

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पुस्तक समीक्षा: निष्‍ठुर समय से टकराती औरतों की संघर्षगाथा दर्शाता कहानी संग्रह

शोभा सिंह का कहानी संग्रह, 'चाकू समय में हथेलियां', विविध समाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद, सांप्रदायिकता और स्त्री संघर्ष। भारतीय समाज के विभिन्न तबकों से उठाए गए पात्र महिला अस्तित्व और स्वाभिमान की कहानियां बयान करते हैं। इस संग्रह में अन्याय और संघर्ष को दर्शाने वाली चौदह कहानियां सम्मिलित हैं।