Thursday, March 28, 2024

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किसान आंदोलन: जश्न के बीच से झांकती चुनौतियां

यहां सड़क पर कीले उगीं हैं। कंटीले तारों ने अपने ही देश के नागरिकों को जानवरों की तरह घेर रखा है। आपका स्वागत फौज़ी बूटों की कर्कश ध्वनियों से होता है। यह कश्मीर नहीं किसानों के आंदोलन-स्थल की तस्वीर...

संघर्ष का टेम्पलेट जो किसान आंदोलन ने दिया है

संयुक्त किसान मोर्चा ने 378 दिन के बाद अपने आंदोलन को स्थगित करते हुए कहा कि ‘लड़ाई जीत ली गई है, लेकिन किसानों के हक-खास कर एमएसपी को किसानों के कानूनी अधिकार के रूप में हासिल करने का युद्ध...

जीत गया लोकतंत्र, हार गयी तानाशाही

लोकतंत्र आज एक बार फिर जीत गया। लोकतंत्र की वह डोर जो छूटती जा रही थी जनता ने आज फिर से उसे मजबूती से पकड़ ली। सत्ता की तमाम संस्थाएं जब अपनी जवाबदेहियों से पीछे हट रही थीं और...

प्रदूषण के असली गुनहगारों की जगह किसान ही खलनायक क्यों और कब तक ?

इस देश में वर्तमान समय की राजनैतिक व्यवस्था में किसान और मजदूर तथा आम जनता का एक विशाल वर्ग सबसे दीन-हीन और कमजोर वर्ग है,क्योंकि सत्ता के कर्णधार अपने लाडले पूँजीपतियों के लिए ही अपनी सारी नीतियों को बनाते...

भारत के किसानों ने दिखायी दुनिया को कारपोरेट के खिलाफ लड़ाई की राह

19 नवंबर, 2021 इक्कीसवीं सदी के इतिहास में जनता के संघर्षों की विजय का महापर्व बन गया है। भारत के किसानों और भारत के लोकतंत्रिक जन-गण ने विश्व के मेहनतकश  जनगण के सहयोग से विश्व विजयी कार्पोरेट पूंजी के...

कृषि कानूनों में काला क्या है -7: तीसरे संविधान संशोधन की एंट्री 33 बनी कृषि कानूनों के विवाद की जड़

किसान कृषि कानूनों को काला मानते हैं और कानून के जानकार भी कहते हैं कि कृषि से जुड़े मुद्दों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य की सरकारों को फिर इस सीमा का उल्लंघन करके मोदी सरकार ने तीन कृषि...

हर ढाई किलोमीटर पर पुलिस छावनी बनाने की बजाय स्कूल और अस्पताल बनाओ : सिलगेर में बादल सरोज  

सिलगेर (सुकमा)। साढ़े छह महीने से लोकतंत्र की बहाली और न्याय के इंतज़ार में सिलगेर में डटे आंदोलनकारियों के बीच कल दिल्ली से संयुक्त किसान मोर्चे के प्रमुख घटक संगठन अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज...

मोर्चे ने बताया पीएम की घोषणा को लोकतंत्र और संघीय व्यवस्था की जीत, कहा-कई मांगें अभी भी हैं लंबित

नई दिल्ली। तीन किसान-विरोधी, लोक-विरोधी और कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के निर्णय के संबंध में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा आज सुबह की गयी घोषणा का संयुक्त किसान मोर्चा ने स्वागत योग्य है और कहा...

कोविड जनित वैश्विक तबाही में भी धन कुबेरों के पौ बारह

‘हुरून रिपोर्ट’लन्दन आधारित एक शोध और प्रकाशन संस्था है जो दुनिया के धन कुबेरों की संपत्ति, उसमें फेर बदल, उनके कामों आदि पर सालाना रिपोर्ट प्रकाशित करती है। यूँ तो यह संस्था पुरानी है पर भारत में यह संस्था...

लंदन बस सकता है अंबानी परिवार!

अंग्रेजी अख़बार मिड डे ने सूत्रों के हवाले से ख़बर छापा है कि भारत के सबसे बड़े कार्पोरेट मुकेश अंबानी और उनका परिवार आने वाले समय में लंदन जा सकता है। बता दें कि इसी साल मुकेश अंबानी के...

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अमर्त्य सेन लेखकों-पत्रकारों को लंबे समय तक कैद में रखने का किया विरोध

नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन सहित देश-विदेश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भारत में “बड़ी संख्या में...