Tag: democracy

  • किसान आंदोलन के समर्थन में पूर्व नौकरशाहों के समूह ने लिखा खुला पत्र

    किसान आंदोलन के समर्थन में पूर्व नौकरशाहों के समूह ने लिखा खुला पत्र

    पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों (आईएएस, आईपीएस, आईएफएस) के एक समूह ‘सीसीजी’ ने किसान आंदोलन को लेकर एक खुला पत्र लिखा है। पत्र में 78 पूर्व नौकरशाहों के हस्ताक्षर हैं। पत्र की शुरुआत में नौकरशाहों के समूह (CCG) का परिचय देते हुए लिखा गया है, “हम अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं से संबंधित पूर्व सिविल सेवकों के…

  • मोदी चौकीदार हैं ज़रूर लेकिन अडानी और अंबानी के!

    मोदी चौकीदार हैं ज़रूर लेकिन अडानी और अंबानी के!

    किसानों के साथ बातचीत का जो भ्रम था वह भी कल टूट गया। सरकार ने जो बातें लिखकर दी हैं उसमें अभी तक हुई बातचीत से न तो कुछ अलग था और न ही उसमें कुछ ऐसा है जिसको लेकर किसान फिर से अपने फैसलों पर विचार करें। उसमें जो चीजें कही गयी हैं वह…

  • दुनिया की मशहूर पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने कहा- मोदी भारत में खत्म कर रहे हैं लोकतंत्र

    दुनिया की मशहूर पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने कहा- मोदी भारत में खत्म कर रहे हैं लोकतंत्र

    पौने दो सौ साल पुरानी लंदन की द इकोनॉमिस्ट (The Economist) ने अपने ताज़ा अंक में भारत पर एक लंबी रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी भारत में लोकतंत्र ख़त्म कर रहे हैं। दूसरी ओर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) अमिताभ कांत को भारत का लोकतंत्र पसंद नहीं…

  • तानाशाही, लोकतन्त्र और खूंटियों पर संविधान

    तानाशाही, लोकतन्त्र और खूंटियों पर संविधान

    इस समय जब यह पंक्तियाँ मैं लिख रहा हूँ दिल्ली के सरहद पर एक ओर तो देश के जवान हैं और दूसरी और ‘अन्नदाता’ भूमिपुत्र किसान खड़े हैं। ‘जय जवान-जय किसान‘ के नारे के तहत देश अपने जिन दो बेटों पर फ़ख्र करता था, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें दुश्मन शक्तियाँ बना कर आमने सामने खड़ा…

  • क्या भारत को इंतजार है लोकतंत्र की बड़ी लड़ाई का?

    क्या भारत को इंतजार है लोकतंत्र की बड़ी लड़ाई का?

    इस बार संसद के शीतकालीन सत्र के नहीं होने के आसार हैं। सत्र के स्थगित होने जैसे मुद्दे को मीडिया और राजनीतिक पार्टियों ने जरूरी गंभीरता से नहीं लिया है। अगर गौर से देखें तो लोकतंत्र की नींव हिलाने का प्रोजेक्ट पूरी तैयारी से चालू है। संस्थाएं, जांच एंजेंसियां, अदालतें तथा सिवलि सेवा- डरे मेमनों…

  • न्यायिक बर्बरता के दौर में पहुंच गया है सुप्रीम कोर्ट!

    न्यायिक बर्बरता के दौर में पहुंच गया है सुप्रीम कोर्ट!

    राजनीति शास्त्र की भाषा में एक बात कही जाती है- लोकतांत्रिक बर्बरता। लोकतांत्रिक बर्बरता अमूमन न्यायिक बर्बरता से पलती है। ‘बर्बरता’ शब्द के कई अवयव हैं। पहला है न्यायपालिका से जुड़े निर्णयों में मनमानी का बहुत अधिक देखा जाना। क़ानून के इस्तेमाल में जजों की निजी इच्छा या सनक इतनी हावी हो जाती है कि…

  • नेहरू की बनाई नींव पर खड़ी हुई भारतीय लोकतंत्र की बुलंद इमारत

    नेहरू की बनाई नींव पर खड़ी हुई भारतीय लोकतंत्र की बुलंद इमारत

    एक बार नेहरू से किसी ने पूछा कि भारत के लिए उनकी विरासत क्या होगी, तो उन्होंने उत्तर दिया, “यकीनन स्वयं पर शासन करने में सक्षम चालीस करोड़ लोग।” ये लोकतंत्र पर नेहरू का दृढ़विश्वास ही था। महत्वपूर्ण मुद्दों को समझने तथा सुविचारित विकल्प का उपयोग करने की गरीबों तथा निरक्षरों की क्षमता पर नेहरू…

  • लोकतंत्र का पतन और जो बाइडेन की जीत

    लोकतंत्र का पतन और जो बाइडेन की जीत

    मशहूर अमेरिकी लेखक कर्ट वॉनगट कहा करते थे- ‘अमेरिका में दो वास्तविक राजनीतिक दल हैं, विजेता तथा पराजित’ लेकिन यह पुरानी बात हो गई। इस बार नारीवादी समाजशास्त्री और दार्शनिक जुडिथ बटलर ने वोट डालने के बाद जो बात कही वह ध्यान देने योग्य है। जूडिथ ने कहा- “जब हमने इस बार मतदान किया तो…

  • एग्जिट पोलः बिहार में ‘मोदीशाही’ से मुक्त होने पर मुहर

    एग्जिट पोलः बिहार में ‘मोदीशाही’ से मुक्त होने पर मुहर

    बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान पूरा होने पर ज्यादातर एग्जिट पोल में राष्ट्रीय जनता दल (राजग) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से आगे अथवा कड़ी टक्कर में दिखाया है। महागठबंधन के नेताओं-कार्यकर्ताओं में स्वाभाविक ख़ुशी की लहर है। आरएसएस-भाजपा के फासीवाद से त्रस्त लोकतंत्रवादी और धर्मनिरपेक्ष नागरिक…

  • मोदी जी के नेतृत्व में देश सोमालिया और सूडान बनने की तरफ अग्रसर

    मोदी जी के नेतृत्व में देश सोमालिया और सूडान बनने की तरफ अग्रसर

    गाल बजाने और बड़ी-बड़ी डींगें हांकने से अगर सब कुछ सुधर जाए तो विकास और बदलाव लाने की सारी राजनीति बेकार ही है। मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि तो यही है कि उसने भारतीय लोकतंत्र, प्रेस की आज़ादी और ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की ऐसी की तैसी कर दी है। हम मुंह दिखाने लायक नहीं…