Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

अंग्रेजों के दमन और उसके प्रतिकार का प्रतीक है जलियांवाला बाग

13 अप्रैल 1919, बैसाखी के दिन लगभग 4:00 बजे जनरल डायर लगभग डेढ़ सौ सिपाहियों को लेकर जलियांवाला बाग में पहुंचा। वहां रौलेट एक्ट के [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

जब जलियांवाला बाग बन गया आजादी की लड़ाई का नया लांचिंग पैड

भारत की आजादी के आंदोलन में जिस घटना ने देशवासियों पर सबसे ज्यादा असर डाला, वह है जलियांवाला बाग हत्याकांड। इस हत्याकांड ने हमारे देश [more…]