Friday, March 29, 2024

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ग़रीबों और मज़दूरों ने प्रधानमंत्री के ‘मन की’ तो सुनी, लेकिन उनकी ‘बात’ कहाँ थी!

प्रधानमंत्री ने 12 मई के अपने राष्ट्रीय के सन्देश में क्या-क्या कहा, ये तो अब तक आप जान ही चुके होंगे। मेरी बात उससे आगे की है। पहली तो यही कि 34 मिनट के भाषण में 2,000 से ज़्यादा...

मोदी का आर्थिक पैकेज: जनता के लिए आत्मनिर्भरता और 21वीं सदी का जुमला और मलाई कार्पोरेट के हिस्से!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के संदर्भ में एक बार फिर राष्ट्र को करीब 30 मिनट तक संबोधित किया। इस संबोधन में उन्होंने कुछ ठोस बातें और कुछ भावात्मक बातें कीं और बहुत सारे सपने दिखाए। उनके संबोधन...

लीक ख़बर ने तो नहीं फेर दिया रिटायरमेंट की उम्र घटाने के मंसूबों पर पानी

देश में सभी सांसदों के वेतन में 30 फीसद कटौती और दो साल के लिए सांसद निधि पर रोक के बाद सभी केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को स्थगित किये जाने के बाद पूरे देश में सरकारी कर्मचारियों में...

लाॅकडाउन के कारण आर्थिक स्थिति खराब होने व समुचित इलाज के अभाव में एक मजदूर ने की आत्महत्या

पूरे देश में अचानक हुए लाॅकडाउन के चलते फैली अव्यवस्था के कारण अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। कोई भूख से मर रहा है, तो कोई समुचित इलाज के अभाव में, तो कई लोग आत्महत्या भी...

अंबेडकर जयंती पर विशेष: कोरोना संकट के दौर में दलित परिदृश्य

2011 की आर्थिक एवं जाति जनगणना के अनुसार भारत के कुल परिवारों में से 4.42 करोड़ परिवार अनुसूचित जाति (दलित) से सम्बन्ध रखते हैं। इन परिवारों में से केवल 23% अच्छे मकानों में, 2% रहने योग्य मकानों में और...

क्या कोरोना की चुनौती का सामना कर पाएंगे सत्ताधीश?

कोरोना शायद पहली विपदा है जिसने मानवीय जीवन को संचालित करने वाली सभी संस्थाओं को बुरी तरह झकझोर दिया है। इसमें राजनीतिक, आर्थिक तथा  धार्मिक संस्थाएं शामिल हैं। सबसे ज्यादा असुरक्षा धार्मिक संस्थाओें में दिखाई दे रही है। इसके...

जनता के ऊँट में निर्मला का जीरा: भारत ने प्रतिव्यक्ति 1200 और अमेरिका ने दिया 4.55 लाख रुपये

मोदी सरकार ने गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ के पैकेज का कुछ उसी तरह ऐलान किया है जैसे बजट में सब्जबाग दिखाए जाते हैं। पूरे देश में लगभग 75 फीसद आर्थिक गतिविधियाँ ठप हैं क्योंकि लॉकडाउन चल रहा...

आर्थिक पैकेज के नाम पर झुनझुना

देश के तमाम आर्थिक वर्गों में से ज्यादातर के लिए इस पैकेज में नहीं है कुछ केंद्र के हर फैसले के बाद यह सोचने की मजबूरी होती है कि आखिर सरकार के आर्थिक नीति निर्धारकों को भारत की वास्तविक दशा-...

कोरोना के घातक हमले से निपटने के लिए सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कैसे पैदा किया अपनी जनता में भरोसा, पढ़िए पूरा भाषण

समस्या एक है-  कोरोना। फिलहाल ये लाइलाज है और बहुत तेजी से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। इस पर कई देशों के प्रधानमंत्रियों ने अपने मुल्क़ की अवाम को संबोधित कर उनसे अपील जारी...

केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ वाम कतारें उतरीं सड़कों पर

नई दिल्ली/पटना। देश में गहराते आर्थिक संकट, भयानक मंदी और अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में गिरावट के खिलाफ वाम दलों की ओर से आज राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया गया। इसके तहत देश के अलग-अलग शहरों में कार्यक्रम में हुए। राजधानी दिल्ली...

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ग्राउंड रिपोर्ट: चुवांड़ी खोदकर पानी पीने को मजबूर पलामू की परहिया जनजाति

झारखंड के पलामू जिला अंतर्गत रामगढ़ प्रखण्ड का एक गांव है मरगड़ा। आदिम जनजाति परहिया के 60 परिवारों वाला...