Thursday, March 28, 2024

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महाविपत्ति की इस बेला में निष्क्रिय क्यों है भारतीय संसद?

देश भर की सड़कों पर बिखरे दारुण दृश्यों को लेकर ‘सर्वोच्च राजनीतिक मंच’ पर कोई आवाज़ सुनायी नहीं दी है। संसद ने कोरोना की आफ़त से बढ़कर सामने आयी बेरोज़गारी, भुखमरी और जर्जर चिकित्सा तंत्र जैसे मुद्दों पर अपनी...

कोरोना आर्थिक पैकेज में राहत की तलाश

प्रधानमंत्री ने जब राष्ट्र को 12 मई को संबोधित किया तब उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं एकदम स्पष्ट कर दी थीं। अपनी घर वापसी के लिए व्याकुल लाखों मजदूरों की अंतहीन व्यथा का कोई उल्लेख प्रधानमंत्री के भाषण में नहीं था।...

देश में अब इतिहास के विषय हो जाएँगे सार्वजनिक क्षेत्र! कॉरपोरेट घरानों के चरने के लिए सरकार ने खोले सभी क्षेत्र

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का पाँचवा और अंतिम खेप जारी करते हुए अंततः स्वीकार कर लिया कि यह कोरोना राहत पैकेज नहीं बल्कि आर्थिक सुधार पैकेज है। इसकी घोषणा बजट 20 में की गयी थी जब...

21 लाख करोड़ के कोरोना पैकेज़ में सीधी राहत के लिए निकले सिर्फ़ 2 लाख करोड़!

12 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस 20 लाख करोड़ रुपये के आत्म-निर्भर पैकेज़ का ऐलान किया था, वो अब बढ़कर क़रीब 21 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। रहा सवाल कि सरकार इतनी रक़म लाएगी कहाँ...

मोदी सरकार का कोरोना पैकेज़ बना पहेली, जनता के लिए ‘बूझो तो जानें’ का खेल शुरू

‘यशस्वी’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में ‘कर्मठ’ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने पाँच दिन तक कोरोना राहत पैकेज़ बाँटने का अखंड यज्ञ किया। ताकि 130 करोड़ भारतवासियों को ‘आत्म-निर्भर’ बनने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये...

20 लाख करोड़ के पैकेज से भी है भुखमरी की लड़ाई!

20 लाख करोड़ का पैकेज सामने आ जाने के बाद मजदूरों का घर लौटना बंद हो जाएगा? रोजगार छिन जाने की प्रतिकूल स्थिति का सामना कर रहे मजदूरों को क्या बड़ी राहत मिल गयी है? क्या उन्हें दोबारा रोजगार...

महामारी और लोगों की मौत को नियति मान लिया है सरकार ने!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह मान लिया है और देश को भी बता दिया है कि कोरोना महामारी का स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर पर मुकाबला करने के लिए उनकी सरकार जितना कर सकती थी, वह कर चुकी है। अब...

आख़िर क्यों वित्तमंत्री के ऐलान झुनझुने जैसे ही हैं?

ग़रीब हो या अमीर, अब तो सभी 20 लाख करोड़ रुपये के सुहाने पैकेज़ वाले झुनझुने की झंकार सुनने को बेताब हैं। लेकिन वित्तमंत्री की पहले दिन की पेशकश में ग़रीबों के लिए कुछ नहीं था। हो सकता है,...

हर मोर्चे पर फेल प्रधानमंत्री के 4 एल

भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी परसों देश से मुखातिब हुए और चार "L"का महत्व जनता को समझाया। 1.Land 2.Labour 3.Law 4.Liquidity मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री जी की क्या मंशा है और क्या करना चाहते हैं मगर इन चारों पैरामीटर के हिसाब से जो...

20 लाख करोड़ के पैकेज की हक़ीक़त

जब 12 मई की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया तब सबकी निगाहें इस इंतजार में थीं कि वे लॉकडाउन के संबंध में आगे की योजना के बारे में कुछ बोलेंगे, दुनिया के इतिहास...

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आइये, मोदी सरकार संग बेरोज़गारी दूर करें: तीन पोस्ट, तीनों हैरतअंगेज़ भरी!

फेसबुक पर मोदी-नेतृत्व के भाजपा सत्ता प्रतिष्ठान के चरित्र से जुड़ी तीन पोस्टों पर नज़र पड़ी। तीनों ही बेहद...