ईएमआई, कर और मुद्रास्फीति का जाल: विलासिता और बुनियादी जरूरतों का संघर्ष
वर्तमान में, भारत की अर्थव्यवस्था विचित्र स्थिति में है। एक तरफ देश की आबादी का बड़ा हिस्सा मुद्रास्फीति, बढ़ते करों और सिकुड़ते आर्थिक अवसरों से [more…]
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कर्जा लो, घी पियो के इस दौर में उच्चतम न्यायालय ने कर्जा देने वाले और कर्जा लेने वाले दोनों को राहत दिया है। लोन मोरेटोरियम [more…]
आजकल यूं भी जुडिशियल ऐक्टिविज्म यानि न्यायिक सक्रियता का जुमला पूरे परिदृश्य से गायब हो गया है, क्योंकि न्यायपालिका राष्ट्रवाद के नाम पर सरकार की [more…]
भारत का नौकरीपेशा मध्यवर्ग दक्षिणपंथी कट्टरवाद का कोर-सपोर्टर रहा है। सरकार ने एक तरह से हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की नाल साफ करने का जिम्मा इसी [more…]
कोरोना संकट को लेकर केन्द्र सरकार ने जनता को राहत देने के लिए तरह-तरह की घोषणाएँ कीं। वित्त मंत्री तो पाँच दिनों तक अपने पैकेज़ों [more…]