आज का दौर न राजा-रानियों का है न फासिस्टों का, यह बोलने के साहस का दौर है

फैज अहमद फैज पर उनके देश में देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। जेल शहर से बाहर था। उनकी कोर्ट…

शब्दों की रौशनी से मिली आज़ादी कहां गई?

लाल किले के प्राचीर से हर साल देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को इस बात का बखान करते हैं कि…