भारतीय समाज का सच देखने और दिखाने के लिए तैयार नहीं है केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड

फिल्म संतोष उस समय चर्चा में आई जब भारत में इसे रिलीज होने से रोक दिया गया। संध्या सूरी द्वारा…

फिल्म तो बहाना है, गुलामगिरी फिर लाना है

‘फुले’ फिल्म को लेकर जिस तरह का तूमार खड़ा किया जा रहा है, वह केवल उतना नहीं है, जितना दिखाया…

एक फिल्म में कई फिल्मों का “फ्लैश बैक” 

पिछले मंगलवार को दिल्ली के जवाहर भवन में एक फिल्म देखी। “इन गलियों में”। फिल्म का नाम और पोस्टर देखकर…

ऋत्विक घटक: झकझोर कर हमारी चेतना जगा देने वाला फ़िल्मकार 

एक समय में रहते हुए किसी जीवन को देखना और फिर उस समय से निकल कर जीवन-चर्चा करना, इन दोनों…

चली गयी भारतीय सिनेमा की आत्मा, नहीं रहे श्याम बेनेगल

नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा की आत्मा के तौर पर देखे जाने वाले लिजेंड फिल्मकार श्याम बेनेगल का मुंबई में निधन…

नहीं रहीं क्लासिक फिल्म ‘पथेर‌ पांचाली’ की दुर्गा

कोलकाता। दुनिया की सौ बेहतरीन फिल्मों में से एक सत्यजीत राय की ‘पथेर पांचाली’ (पथ का गीत, 1955) में दुर्गा…

तानाशाही के खिलाफ बुलंद आवाज का नाम है अमर सिंह चमकीला

‘अमर सिंह चमकीला’ साधारण बायोपिक फ़िल्म होते हुए भी असाधारण फ़िल्म है। इम्तियाज अली सोसाइटी के दबाए जाने वाले डिस्कोर्स…

‘मुक्तेश्वर टू मुंबई’ तैयार हुई समोसा एंड सन्स

उत्तराखंड राज्य में रहकर मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह फ़िल्म बनाना ‘समोसा एंड सन्स’ के मेकरों के लिए आसान…

‘घोड़े को जलेबी खिलाने जा रिया हूं’ फिल्म में यथार्थ का प्रभावशाली चित्रण

अनामिका हक्सर की फिल्म ‘घोड़े को जलेबी खिलाने जा रिया हूं’ बहुत गहरा प्रभाव छोड़ती है। यह फिल्म कई मायने…

रणदीप हुड्डा की फिल्म और सत्ता के भूखे लोग

पिछले एक दशक से इस देश की सांस्कृतिक, धार्मिक, और ऐतिहासिक अवधारणाओं को बदलने का लगातार प्रयास हो रहा हैं।…