Tag: food
ग्राउंड रिपोर्ट : लोहार समुदाय के संघर्ष और अस्तित्व की कहानी : जब बर्तन बिकेंगे, तब खाने का इंतजाम होगा
अजमेर। अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा अजमेर, राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों में अपनी एक खास जगह रखता है। यह शहर केवल ऐतिहासिक [more…]
ग्राउंड रिपोर्ट: सुबह काम की तलाश और शाम को खाने की चिंता में खप रहे मजदूर
चंदौली। हाशिए पर देश की एक बड़ी आबादी आज भी आधुनिक दौर में दिहाड़ी (काम) और इससे हुई आमदनी से दो वक्त की रोटी-दाल जुटाने [more…]
भोजन के संकट से जूझ रहे हैं ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देश
जहां अमीर देशों में भी भूख और आजीविका का संकट रोकने के सरकारी प्रयास विफल होते रहे हैं, दुनिया में यह संकट तेजी से एक [more…]
खाद्य पदार्थों पर जीएसटी मामले में केरल की सीपीएम सरकार ने खोली केंद्र की पोल
दुनिया में धन्ना सेठों के हितों से बंधी सरकारों का एक जैसा चलन होता है। वो मेहनती लोगों के लिए दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में लगातार [more…]
चाईबासा के गरीबों के राशन की लूट, जन सुनवाई में खुलासा
पिछले 13 जून 2022 को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम अंतर्गत चाईबासा में कैनुवा गांव, टोंटो प्रखंड (पश्चिमी सिंहभूम) में खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम [more…]
खाद्य सुरक्षा के प्रति मोदी सरकार का रवैया अत्याचारी
‘भारत’ को भले ही लाभ हो रहा हो, लेकिन भारतीयों को यूक्रेन युद्ध के नतीजों की चिंता करनी चाहिए। भले ही भारत सरकार और अनाज [more…]
झारखंड में उड़ रही हैं खाद्य सुरक्षा कानून की धज्जियां, गढ़वा में 12 हजार लाभुकों को नहीं मिला अक्तूबर का राशन
1 एवं 2 दिसम्बर 2021 को भोजन का अधिकार अभियान (झारखण्ड) द्वारा गढ़वा जिले के बड़गढ़ प्रखंड के 3 जन वितरण दुकानदारों, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा [more…]
बस्तर: जमीन अधिग्रहण करने गए पुलिसकर्मियों से आदिवासियों की तीखी झड़प
बस्तर। बस्तर में दंतेवाड़ा जिले के फुलपदर गांव में फूड प्रोसेसिंग पार्क के लिए ज़मीन अधिग्रहण करने को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी [more…]
जीने के मूल अधिकार में भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अधिकार शामिल: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि देश भर के तमाम राज्य वन नेशन वन राशन कार्ड की स्कीम 31 जुलाई तक लागू करें। [more…]
दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी के खाते में जहालत, अपमान और पल-पल की मौत
जी हां, यह वर्तनी की गलती नहीं है, बल्कि यही आज की कड़वी सच्चाई है। हम अक्सर देश और राष्ट्र के निर्माताओं को चंद नायकों-महानायकों [more…]