Friday, April 19, 2024

history

किसान आंदोलन तैयार कर रहा है बदलाव की नई जमीन

कल के टेलिग्राफ में प्रभात पटनायक का एक लेख है — A Promethian moment ( The farmer’s agitation challenges theoretical wisdom)। बंधन से मुक्ति का क्षण; किसानों के आंदोलन ने सैद्धांतिक बुद्धिमत्ता को ललकारा है। जाहिर है, यह किसान आंदोलन...

…हां भगत सिंह ये तुमसे सीखने का वक्त ही तो है

पाखण्ड का हमारे जीवन में कोई स्थान नहीं है। हमने अपने देश की परिस्थिति और इतिहास का गहरा अध्ययन किया है। यहां की जन आंकाक्षाओं को हम खूब समझते हैं।’ -भगतसिंह भगतसिंह को अपने समय ने गढ़ा था। मुल्क में...

संघ को नहीं पता कि ध्वंसों से नहीं, निर्माण से बनता है इतिहास

मध्यप्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों को अब आरएसएस संस्थापक हेडगेवार और जनसंघ के संस्थापक नेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार पढ़ाए जाएंगे।   चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इस घोषणा के लिए तारीख सरकारी शिक्षक दिवस- 5 सितम्बर - की चुनी।...

संघर्षों और बलिदानों से भरा पड़ा है हिंदी पत्रकारिता का इतिहास

1826 की 30 मई को कोलकाता की आमड़ातल्ला गली से प्रकाशित अल्पजीवी हिंदी पत्र उदन्त मार्तण्ड ने इतिहास रचा था। यह साप्ताहिक पत्र था। पत्र की भाषा पछाँही हिंदी थी, जिसे पत्र के संपादकों ने “मध्यदेशीय भाषा” कहा था।...

तो क्या सुप्रीमकोर्ट अपनी हदें पार कर रहा है!

भारत के अटॉर्नी जनरल (एजी) के के वेणुगोपाल  के इस कथन को  कि उच्चतम न्यायालय निषिद्ध क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है, क्या उच्चतम न्यायालय को चेतावनी माना जाय या धमकी? आसान भाषा में इसे कहा जाए तो 'उच्चतम...

जांच में पुलिस की विफलता के लिए इतिहास में याद किया जायेगा दिल्ली दंगा: कोर्ट

दिल्ली दंगों में पुलिस की जांच कई मौकों पर सवालों के घेरे में आई है। अब दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने भी गुरुवार को पुलिस जांच पर तल्ख टिप्पणी कर दी है। दंगे के मुख्य आरोपी और आप के...

इतिहास को बदलने की मोदी की नाकाम कोशिश

भारतीय जनता पार्टी जब भी सरकार में आती है, वह न केवल इतिहास से छेड़छाड़ करती है, बल्कि वह पाठ्यक्रमों में भी बदलाव करती है और दक्षिणपंथी मूल्यों की रचनाओं को उसमे घुसेड़ने का काम करती हैं। इसके एक नहीं...

किसान आंदोलन के नौ महीने (1): भारत के जनांदोलनों के इतिहास के असाधारण संग्राम की विशेषताएं

26 अगस्त को नौ महीने पूरे कर रहे किसान आंदोलन को किसी परिचय या भूमिका की आवश्यकता नहीं है।  यहां सीधे इसकी कुछ विशेषताओं पर आते हैं।   इस असाधारण किसान आन्दोलन की इन सबसे भी कहीं ज्यादा बुनियादी और दूरगामी छाप छोड़ने...

भारत में जन इतिहास लेखन

इतिहास को लेकर, वतर्मान में हो रहे बदलाव इतिहासकारों के नजरिए को किस तरह बदल देते हैं यह जानना आवश्यक है। भारत के इतिहास के बारे में जब यह विचार पैदा हुआ कि भारत का जन इतिहास लिखा जाना...

अकबर और महाराणा प्रताप के बहाने एक बार फिर सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश

इधर एक नयी बहस शुरू हो गयी है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय हुयी थी, न कि अकबर की। यह भी कहा जाता है कि, अकबर को नहीं महाराणा प्रताप को महान कहा जाना चाहिए।...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।